
जैविक खेती की परिभाषा
इस पद्धति में मिट्टी का उपयोग नहीं होता। पौधों की जड़ें सीधे पानी में पोषक तत्व प्राप्त करती हैं। इसे नियंत्रित तापमान और विशेष उपकरणों की सहायता से किया जाता है।
जैविक खेती के इस अनोखे स्वरूप ने पर्यावरण के साथ-साथ किसानों की आय में भी क्रांतिकारी बदलाव लाया है।
गुरुग्राम, 12 जनवरी। खेती-किसानी की पारंपरिक सोच को बदलते हुए हाइड्रोपोनिक खेती ने आधुनिक कृषि का एक अनोखा उदाहरण पेश किया है। इस पद्धति में मिट्टी का इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि फसलें केवल साफ और शुद्ध पानी के माध्यम से उगाई जाती हैं। जैविक खेती के इस अनोखे स्वरूप ने पर्यावरण के साथ-साथ किसानों की आय में भी क्रांतिकारी बदलाव लाया है।
जैविक खेती की परिभाषा
जैविक खेती वह प्रक्रिया है, जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और खरपतवारनाशियों का उपयोग नहीं किया जाता। इस पद्धति से पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
गुरुग्राम निवासी अर्पित जैन ने बिना मिट्टी के खेती कर दिखाया है कि किस तरह आधुनिक तकनीकें परंपरागत खेती को एक नए स्तर पर ले जा सकती हैं। उन्होंने दिल्ली-जयपुर हाईवे के पास आधा एकड़ जमीन किराए पर लेकर हाइड्रोपोनिक खेती शुरू की। इस तकनीक के तहत उन्होंने टमाटर, पालक, गोभी और बैंगन जैसी सब्जियां उगाईं।
इस पद्धति में मिट्टी का उपयोग नहीं होता। पौधों की जड़ें सीधे पानी में पोषक तत्व प्राप्त करती हैं। इसे नियंत्रित तापमान और विशेष उपकरणों की सहायता से किया जाता है।
दिल्ली-एनसीआर के फाइव स्टार होटलों में हाइड्रोपोनिक सब्जियों की जबरदस्त मांग है। इन होटलों में सलाद और पिज़्ज़ा के लिए इन सब्जियों का उपयोग किया जा रहा है।
उत्पादन और कीमत
इस खेती से उगाई गई सब्जियां ₹100 से ₹150 प्रति किलो तक बिकती हैं। पौधों की गुणवत्ता और स्वास्थ्य लाभ के कारण इनकी मांग लगातार बढ़ रही है।
हाइड्रोपोनिक खेती में आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल होता है, जो फसल को नियंत्रित तापमान और पर्यावरण प्रदान करते हैं। इससे फसल को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता।
केंद्र सरकार हाइड्रोपोनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है। छोटे किसान भी इस पद्धति को अपनाने के लिए तैयार हो रहे हैं।
हाइड्रोपोनिक खेती ने यह साबित कर दिया है कि मिट्टी और रासायनिक खाद के बिना भी बेहतर कृषि संभव है। गुरुग्राम के अर्पित जैन जैसे किसान इस क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं। आने वाले समय में यह तकनीक पूरे देश में तेजी से लोकप्रिय होगी और भारतीय कृषि को नए आयाम प्रदान करेगी।
हवा और पानी से खेती करना न केवल एक नया प्रयोग
हवा और पानी से खेती करना न केवल एक नया प्रयोग है, बल्कि यह पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। हाइड्रोपोनिक खेती भारतीय कृषि में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रही है, जिससे देशभर के किसान प्रेरित हो रहे हैं।
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