
हरियाणा की दो कर्मचारी निलंबित
रोहतक, 13 जनवरी 2025
हरियाणा की प्रतिष्ठित रोहतक यूनिवर्सिटी में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फर्जीवाड़े में शामिल दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। शुरुआती जांच से पता चला है कि लाखों रुपये का गबन किया गया है, जिसके कारण यह मामला अब गहराई से जांच का विषय बन गया है।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा
घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब यूनिवर्सिटी के आंतरिक ऑडिट में वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी सामने आई।
- फर्जी बिलों और भुगतान वाउचर्स के जरिए धन का दुरुपयोग हुआ।
- छात्रों की सुविधाओं और विकास योजनाओं के बजट में हेराफेरी की गई।
- कुछ बाहरी ठेकेदारों और एजेंसियों के साथ सांठगांठ की बात सामने आ रही है।
निलंबित कर्मचारी
प्रारंभिक जांच के आधार पर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया।
- एक कर्मचारी यूनिवर्सिटी के लेखा विभाग से जुड़ा है, जिसने फर्जी भुगतान की अनुमति दी।
- दूसरा कर्मचारी प्रशासनिक शाखा में काम करता था और घोटाले को छिपाने में भूमिका निभाई।
विशेष जांच समिति गठित
घोटाले की गंभीरता को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक विशेष जांच समिति का गठन किया है।
- समिति में तीन वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है।
- जांच रिपोर्ट 15 दिनों में पेश करने का आदेश दिया गया है।
- समिति सभी वित्तीय लेनदेन की जांच करेगी और दोषियों की पहचान करेगी।
छात्रों और संगठनों का आक्रोश
घोटाले की खबर के बाद छात्रों में गुस्सा फूट पड़ा है।
- छात्र संगठनों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है।
- कुछ संगठनों ने इस घोटाले की जांच सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की है।
- छात्रों ने प्रदर्शन कर प्रशासन से जवाबदेही तय करने की मांग की।
प्रशासन का बयान
यूनिवर्सिटी के कुलपति ने कहा:
“हम इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। जांच पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होगी।”
सरकार की कार्रवाई
हरियाणा सरकार ने मामले का संज्ञान लिया है।
- उच्च शिक्षा विभाग ने यूनिवर्सिटी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
- सरकार ने संकेत दिया है कि जरूरत पड़ने पर मामले को बड़े स्तर पर जांच के लिए भेजा जा सकता है।
छात्र सुविधाओं पर असर
घोटाले के कारण कई छात्रों को महत्वपूर्ण सेवाओं में बाधा का सामना करना पड़ रहा है।
- लैब, पुस्तकालय, और अन्य सुविधाओं के लिए निर्धारित बजट का गबन किया गया।
- छात्रवृत्ति वितरण में भी अनियमितता की आशंका है।
आगे की कार्रवाई
- जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- सरकार इस घोटाले को लेकर कड़ी नजर रखे हुए है और उच्च स्तरीय निगरानी की जा रही है।
- यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सभी विभागों को अपने कामकाज में अधिक पारदर्शिता लाने का निर्देश दिया है।
बल्कि छात्रों और अभिभावकों के विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है।
रोहतक यूनिवर्सिटी में यह घोटाला न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि छात्रों और अभिभावकों के विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है। अब सबकी नजरें जांच रिपोर्ट और सरकार की कार्रवाई पर हैं, ताकि दोषियों को सजा दी जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।