मंत्री से बड़ा हो गया पुलिस कमिश्नर ??

फरीदाबाद: जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में पुलिस कमिश्नर की गैरमौजूदगी से नाराज हुए मंत्री नरबीर सिंह
फरीदाबाद, 13 जनवरी 2025/
जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में पुलिस कमिश्नर की अनुपस्थिति ने विवाद खड़ा कर दिया है। हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री नरबीर सिंह ने इस मुद्दे पर सख्त नाराजगी जताई और इसे अनुशासनहीनता का गंभीर उदाहरण करार दिया। मंत्री ने कहा,
“क्या अब पुलिस कमिश्नर मंत्री से बड़ा हो गया है कि वह जनता की समस्याओं से संबंधित इस महत्वपूर्ण बैठक में नहीं आ रहा?”
बैठक के महत्व पर जोर
मंत्री ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला कष्ट निवारण समिति की बैठकों का मुख्य उद्देश्य जनता की समस्याओं का समाधान करना है। ऐसे में सभी संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित होना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा,
“यह बैठक जनता की भलाई और उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान निकालने के लिए होती है। अगर अधिकारी इसमें शामिल नहीं होते हैं, तो यह उनकी जिम्मेदारी से भागने का संकेत है।”
मंत्री का कड़ा रुख
गैरमौजूदगी न केवल प्रशासनिक अनुशासन का उल्लंघन है
मंत्री नरबीर सिंह ने कहा कि पुलिस कमिश्नर जैसे वरिष्ठ अधिकारियों की गैरमौजूदगी न केवल प्रशासनिक अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि यह आम जनता के प्रति उनकी उदासीनता को भी दर्शाती है। उन्होंने जिला प्रशासन और गृह विभाग को निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
बैठक में उठाए गए मुद्दे
बैठक के दौरान फरीदाबाद के नागरिकों द्वारा दर्ज कराई गई विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई। इन समस्याओं में प्रमुख रूप से शामिल थे:
- यातायात की समस्याएं: सड़क दुर्घटनाओं और ट्रैफिक जाम के बढ़ते मामलों को लेकर समाधान खोजने की जरूरत।
- अपराध नियंत्रण: बढ़ते अपराध और पुलिस गश्त की कमी को लेकर शिकायतें।
- अवैध निर्माण: अतिक्रमण और अवैध निर्माण की बढ़ती घटनाएं।
- जनसेवा में देरी: सरकारी सेवाओं में सुस्ती और नागरिकों को समय पर समाधान न मिलने की शिकायतें।
हालांकि, पुलिस कमिश्नर की अनुपस्थिति के कारण अपराध और सुरक्षा से संबंधित कई मामलों पर ठोस निर्णय नहीं लिए जा सके।
लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे भविष्य में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठकों में समय पर उपस्थित रहें। उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा,
“अधिकारियों को यह समझना होगा कि वे जनता की सेवा के लिए हैं। इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना हरकतें किसी भी स्थिति में सहन नहीं की जाएंगी।”
बैठक में यह भी तय किया गया कि अगले कुछ दिनों में पुलिस विभाग से संबंधित लंबित मामलों की समीक्षा की जाएगी। इसके लिए गृह विभाग को एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है।