दिल्ली, 14 जनवरी:
दिल्ली के दक्षिण जिले में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों को लेकर एक गिरोह द्वारा फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एक विधायक के हस्ताक्षर और मुहर लगे हुए कागजात बरामद किए हैं, जो अब जांच के दायरे में हैं। इस संबंध में दिल्ली पुलिस की दक्षिण जिला पुलिस और एटीएस की टीम जांच कर रही है।
4000 रुपये लेकर फर्जी आधार कार्ड बनाता था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी अफरोज रोहिणी स्थित कर्नाटक बैंक में आधार कार्ड बनाने के लिए काम कर रहा था। वह एक अनुबंध पर था और 4000 रुपये लेकर फर्जी आधार कार्ड बनाता था। जांच में पुलिस को अफरोज के लैपटॉप से 26 से ज्यादा ऐसे कागजात मिले हैं जिन पर विधायक महेंद्र गोयल के हस्ताक्षर और मुहर लगी हुई थी। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि गिरोह ने इन दस्तावेजों पर फर्जी हस्ताक्षर और मुहर लगाई हो सकती है।
विधायक महेंद्र गोयल के असली हैं या फिर गिरोह के
दक्षिण जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस इस मामले की सत्यता की जांच कर रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि कागजात पर जो हस्ताक्षर और मुहर हैं, वे विधायक महेंद्र गोयल के असली हैं या फिर गिरोह के आरोपियों ने फर्जी तरीके से उन्हें लगाया है। इस मामले की जांच को लेकर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से भी जानकारी मांगी गई है।
गिरोह बांग्लादेशी नागरिकों के 18 वर्ष से कम उम्र के आधार कार्ड बनाता था।
पुलिस के अनुसार, अफरोज के लैपटॉप से मिले कागजात में आधार कार्ड को अपडेट कराने के दस्तावेज भी पाए गए हैं। इन दस्तावेजों से यह पता चलता है कि गिरोह बांग्लादेशी नागरिकों के 18 वर्ष से कम उम्र के आधार कार्ड बनाता था। कुछ समय बाद इन आधार कार्ड को “अपडेट” करने के नाम पर इनकी उम्र बढ़ाई जाती थी। दिल्ली में इस तरह के आधार कार्ड बनाने के लिए चार केंद्रों का उपयोग किया जाता था।
इस मामले में पुलिस ने विधायक महेंद्र गोयल के कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी रोहित कालरा को साकेत स्थित एटीएस कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की। पूछताछ के दौरान 50 से ज्यादा सवाल किए गए। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह के जरिए फर्जी दस्तावेजों के निर्माण और उनका वितरण बड़े पैमाने पर हुआ था।
कागजात पर जो हस्ताक्षर और मुहर हैं, वे असली हैं या फर्जी।
अधिकारी ने कहा कि अब इन कागजात और अफरोज के लैपटॉप को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा, ताकि यह पुष्टि की जा सके कि कागजात पर जो हस्ताक्षर और मुहर हैं, वे असली हैं या फर्जी। इस मामले की गहरी जांच जारी है और पुलिस अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया है।
गिरोह की जांच और उसके द्वारा किए गए फर्जीवाड़े से जुड़ी जानकारी एकत्र की जा रही है, ताकि इस अपराध में शामिल सभी आरोपियों को पकड़ कर कड़ी कार्रवाई की जा सके।