
– जल-ऑडिट से व्यापक जल प्रबंधन करने के निर्देश दिए
– नदियों और नहरों के तटबंधों को मज़बूत करें
– अमृत सरोवरों के किनारों पर पौधारोपण किया जाए
नई दिल्ली, 17 जनवरी
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के सभी तालाबों की सफाई करवाने के निर्देश दिए ताकि उनका पानी पशुओं के पीने या सिंचाई के लिए प्रयोग किया जा सके। साथ ही उन्होंने पंचायतों के सहयोग से ग्रामीणों को यह प्रेरित करने की बात की कि तालाबों में कूड़ा-कर्कट और घरों से निकला गंदा पानी न जाने दिया जाए।
मुख्यमंत्री वीरवार को चंडीगढ़ में “द हरियाणा पौंड एंड वेस्ट वाटर मैनेजमेंट अथॉरिटी” के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में अथॉरिटी के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे, जिनमें विकास और पंचायत विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, मछली पालन विभाग, लोक निर्माण विभाग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सहित कई अन्य विभाग शामिल थे।
प्रथम चरण में 500 गांवों के भू-जल को रिचार्ज करें
मुख्यमंत्री ने गिरते भू-जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पहले चरण में 500 गांवों के भू-जल को रिचार्ज करने का लक्ष्य निर्धारित किया जाए। इस कार्य को समय पर पूरा करने के लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी भू-जल स्तर के गिरने पर चिंता जताई है और इस मुद्दे पर मिलकर काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि डार्क जोन में अधिक से अधिक तालाब (पौंड) बनाना चाहिए ताकि बरसात के मौसम में पानी का संचय हो सके, जिससे भू-जल स्तर में सुधार हो और बरसात के पानी का अन्य कार्यों में उपयोग किया जा सके।
जल-ऑडिट से व्यापक जल प्रबंधन
मुख्यमंत्री ने जल-ऑडिट के माध्यम से राज्य में व्यापक जल प्रबंधन की दिशा में काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी कहा कि राज्य से होकर गुजरने वाली नदियों को आपस में जोड़ने के लिए एक रोड-मैप तैयार करें, जिससे बरसात के दिनों में बाढ़ के नुकसान को रोका जा सके और भू-जल स्तर को ऊपर लाने में मदद मिले।
नदियों के तटबंधों को मज़बूत करें
मुख्यमंत्री ने “संकल्प-पत्र” में शामिल “अमृत सरिता योजना” के तहत राज्य की सभी नहरों और नदियों के तटबंधों को मजबूत करने की बात कही। उन्होंने इस काम को मनरेगा योजना के तहत करवाने का सुझाव दिया ताकि तटबंध मजबूत होने से नहरों के टूटने की घटनाओं पर रोक लग सके। उन्होंने नहरों से पानी की चोरी रोकने के लिए टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश भी दिए।
जल भराव क्षेत्रों में मछली पालन पर जोर दें
मुख्यमंत्री ने चरखी दादरी, झज्जर, महेन्द्रगढ़, सोनीपत, रोहतक और अन्य क्षेत्रों में जल भराव को ठीक करने के लिए सोलर पंप से जल निकासी का प्रबंध करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने जल निकासी के बाद उन क्षेत्रों में पौंड बनाकर मछली पालन का व्यवसाय शुरू करने की सलाह दी और इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की बात की।
अमृत सरोवरों के किनारों पर पौधारोपण
मुख्यमंत्री ने जानकारी ली कि “द हरियाणा पौंड एंड वेस्ट वाटर मैनेजमेंट अथॉरिटी” के तहत प्रदेश में कुल 19716 अमृत सरोवर बनाए गए हैं, जिनमें से 18813 गांवों और बाकी शहरों में हैं। मुख्यमंत्री ने इन सरोवरों की देख-रेख की महत्ता पर बल देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो सरोवर बन कर तैयार हो गए हैं, उनकी मेंटेनेंस बरकरार रखें और उनके किनारों पर पौधारोपण भी किया जाए ताकि पर्यावरण को लाभ मिले और किनारों की मजबूती बनी रहे। उन्होंने ग्रामीणों से यह भी कहा कि वे अपनी बेटियों से पौधे लगवाएं, जिससे इन पौधों से अपनत्व का जुड़ाव बने।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान सभी अधिकारियों से जल प्रबंधन के लिए कड़ी मेहनत करने की अपील की, ताकि प्रदेश में जल संकट की समस्या से निपटा जा सके और भविष्य में जल की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।