
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी,
नई दिल्ली 18 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के सियासी दंगल में एक बड़ा दांव खेलते हुए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। इस घोषणा से दिल्ली के लगभग 10 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधा लाभ होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) के समीकरण को प्रभावित कर सकता है, खासकर उन 20 सीटों पर जहां सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स का प्रभाव अधिक है।
दिल्ली के लगभग 10 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधा लाभ होगा।
केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग का गठन ऐसे समय पर हुआ है, जब दिल्ली में भाजपा पिछले 27 वर्षों से सत्ता में वापसी के लिए संघर्ष कर रही है। भाजपा का मानना है कि यह फैसला उनके लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है, क्योंकि यह उन विधानसभा क्षेत्रों में सीधे तौर पर असर डालेगा, जहां सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की संख्या ज्यादा है।
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। इसके बाद सरकारी कर्मचारियों का वेतन कई गुना बढ़ने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़कर 2.86 हो सकता है और न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 तक हो सकता है।
विधानसभा सीटों पर प्रभाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा ने कई सीटों पर अपनी रणनीति तय की है, और 8वें वेतन आयोग का गठन इसी रणनीति का हिस्सा है। दिल्ली की जिन 20 विधानसभा सीटों पर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स का प्रभाव अधिक है, उनमें प्रमुख सीटें शामिल हैं:
- नई दिल्ली
- वजीरपुर
- पटपड़गंज
- दिल्ली कैंट
- आरके पुरम
- मुखर्जी नगर
- कस्तूरबा नगर
- जंगपुरा
- कमला नगर
- आंबेडकर नगर
- साकेत
- मालवीय नगर
- कालकाजी
- खानपुर
- राजेंद्र नगर
- पटेल नगर
इन सीटों पर केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनर्स, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA), नगर निगम, पुलिस और रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों का असर हो सकता है। ये कर्मचारी 8वें वेतन आयोग के लाभार्थी होंगे और इसके बाद वे भाजपा की ओर अपना रुख कर सकते हैं।
भा.ज.पा. की चुनावी रणनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
भा.ज.पा. ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली की विभिन्न सीटों पर जिम्मेदारी सौंप कर चुनावी रणनीति बनाई है। भाजपा ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए यह बड़ा कदम उठाया है।
इसके अलावा, भाजपा ने देवली और बुराड़ी सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं और ये सीटें अपने घटक दल जैसे जेडी(यू) और एलजेपी(आरवी) को दी हैं। भाजपा का लक्ष्य इस बार दिल्ली में अपनी सियासी स्थिति को मजबूत करना है, ताकि सत्ता में वापसी हो सके।
भा.ज.पा. का दांव:
एक बड़ी राजनीतिक चाल के रूप में देखा है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 8वें वेतन आयोग की घोषणा को एक बड़ी राजनीतिक चाल के रूप में देखा है। यह कदम दिल्ली के उन क्षेत्रों में खास असर डाल सकता है जहां सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स का मजबूत वोटबैंक है। भाजपा उम्मीद कर रही है कि यह फैसला दिल्ली विधानसभा चुनावों में उसकी स्थिति को मजबूत करेगा और आम आदमी पार्टी के लिए चुनौती पैदा करेगा।