
गुरुग्राम, 19 जनवरी: जिला गुरुग्राम के पंचगांव कुकड़ौला स्थित भगवान परशुराम भवन में रविवार 19 जनवरी को भगवान परशुराम जी की मूर्ति स्थापना समारोह आयोजित किया गया। इस पवित्र अवसर पर हरियाणा के जाने-माने राजनेता नवीन जयहिंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने भगवान परशुराम जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लिया और हवन में शामिल होकर इस शुभ अवसर का हिस्सा बने।
जयहिंद का संबोधन
नवीन जयहिंद ने इस अवसर पर कहा,
“यह हमारा सौभाग्य है कि आज हमें भगवान परशुराम जी की मूर्ति स्थापना के इस पवित्र अवसर पर शामिल होने का मौका मिला। भगवान परशुराम जी ने अपने जीवन में अन्याय के खिलाफ फरसा उठाया और समाज से दुष्टों का नाश किया। आज हम उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज में शांति और न्याय स्थापित करने का संकल्प लें।”
उन्होंने भगवान परशुराम को न्याय और धर्म के प्रतीक के रूप में उद्धृत किया और कहा,
“भगवान परशुराम जी ने कभी भी अन्याय के खिलाफ समझौता नहीं किया। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि हमें हमेशा न्याय के पक्ष में खड़ा होना चाहिए, चाहे कोई भी परिस्थिति हो।”
जयहिंद ने आगे कहा कि भगवान परशुराम का संदेश सभी के लिए है, और हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर समाज में सच्चे न्याय और समानता को बढ़ावा देना चाहिए।
भगवान परशुराम की उपस्थिति और शिक्षाएं
जयहिंद ने कहा कि भगवान परशुराम जी किसी एक जाति, धर्म या समुदाय से संबंधित नहीं थे, बल्कि उनका जीवन सभी मानवता के लिए था। उन्होंने अपने जीवन में दिखाया कि धर्म और न्याय के पक्ष में खड़े रहकर बड़े से बड़े अधर्म और अत्याचार का सामना किया जा सकता है।
“भगवान परशुराम जी का संदेश यह है कि कोई भी व्यक्ति अगर समाज में अन्याय देखे तो उसे चुप नहीं रहना चाहिए। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर दूसरों के हक की लड़ाई लड़नी चाहिए।”
- मूर्ति स्थापना और हवन: भगवान परशुराम जी की भव्य मूर्ति का अनावरण किया गया और इसके साथ ही विशेष हवन यज्ञ का आयोजन किया गया।
- समारोह में उपस्थित लोग: इस कार्यक्रम में गांव के प्रमुख व्यक्ति, ग्रामवासी और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
- जयहिंद ने समारोह को सफल बनाने वाले आयोजकों और टीम का आभार प्रकट किया और उनका धन्यवाद किया।
समाज में शांति और न्याय की दिशा
इस आयोजन के दौरान जयहिंद ने बताया कि भगवान परशुराम ने न केवल अन्याय के खिलाफ लड़ा, बल्कि समाज में शांति, समृद्धि और समानता को बढ़ावा दिया। उनका जीवन हम सभी के लिए एक आदर्श है, जो हमें अपने समाज में बदलाव लाने की प्रेरणा देता है।
“भगवान परशुराम का जीवन यह सिखाता है कि हमें समाज के लिए काम करना चाहिए और हर व्यक्ति के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए। जब तक हम अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे, समाज में बदलाव नहीं आएगा।”