हरियाणा में गूगल इमेज से 3 साल पुराने केस का खुलासा
अब शुरू हुई कार्रवाई
चंडीगढ़, 19 जनवरी: हरियाणा में एक चौंकाने वाले मामले में पुलिस ने गूगल इमेज की मदद से तीन साल पुराने एक आपराधिक मामले का खुलासा कर लिया है। यह घटना कानून-व्यवस्था में तकनीकी सहायता के उपयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गई है।
क्या है मामला?
तीन साल पहले, हरियाणा के एक औद्योगिक क्षेत्र में एक कंपनी में आग लगने की घटना दर्ज की गई थी। घटना के बाद कंपनी ने बीमा क्लेम के लिए भारी भरकम दावा किया। हालांकि, पुलिस को इस मामले में शुरू से ही संदेह था, लेकिन पुख्ता सबूतों की कमी के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
पिछले हफ्ते, जांच अधिकारियों ने गूगल इमेज सर्च का सहारा लिया। उन्होंने उस क्षेत्र की सैटेलाइट इमेज और गूगल टाइमलाइन का विश्लेषण किया, जिससे पता चला कि जिस दिन आग लगने की बात कही गई थी, उस दिन आग की कोई घटना नहीं हुई थी।
जांच में गूगल इमेज की भूमिका
- गूगल टाइमलाइन: अधिकारियों ने गूगल के डेटाबेस से तीन साल पुरानी सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण किया।
- क्लेम की पड़ताल: तस्वीरों से यह साबित हुआ कि आग लगने की घटना का दावा फर्जी था।
- साक्ष्य जुटाए गए: कंपनी की ओर से बीमा क्लेम में दिए गए विवरण और सैटेलाइट इमेज के बीच कई विसंगतियां पाई गईं।
अब क्या हो रही है कार्रवाई?
- जांच समिति गठित: हरियाणा सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है।
- कंपनी के खिलाफ एफआईआर: संबंधित कंपनी पर धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने का मामला दर्ज किया गया है।
- बीमा कंपनी का बयान: बीमा कंपनी ने भी दावा वापस ले लिया है और कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
तकनीकी का बढ़ता उपयोग
हरियाणा पुलिस ने इस केस में तकनीकी साधनों के उपयोग से यह संदेश दिया है कि अब फर्जीवाड़ा करना पहले की तरह आसान नहीं होगा।
पुलिस विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:
“गूगल इमेज और अन्य तकनीकी साधनों का उपयोग हमें न्याय प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद करता है। यह केस इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।”
आमजन के लिए संदेश
इस घटना ने साबित किया है कि डिजिटल टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन संसाधनों के माध्यम से अब पुराने और मुश्किल केस भी सुलझाए जा सकते हैं।
यह मामला हरियाणा पुलिस की पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता का उदाहरण बन गया है