
13 कुमाऊँ बटालियन के वीर अहीर जवानों के पराक्रम
रेवाड़ी, 25 जनवरी।
रेजांगला युद्ध स्मारक पर इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वजारोहण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। भारतीय गणतंत्र को सुरक्षित रखने में 1962 के रेजांगला युद्ध में 13 कुमाऊँ बटालियन के वीर अहीर जवानों के पराक्रम और बलिदान का योगदान अमूल्य है। मेजर शैतान सिंह भाटी के नेतृत्व में इन वीर सपूतों ने दुश्मन की बड़ी सेना का डटकर मुकाबला करते हुए आखिरी गोली और आखिरी जवान तक लड़ाई लड़ी और भारतीय गणतंत्र को अपने सर्वोच्च बलिदान से सुरक्षित रखा।
कार्यक्रम का विवरण
रेजांगला शौर्य समिति के महासचिव राव नरेश चौहान राष्ट्रपूत ने जानकारी दी कि यह कार्यक्रम 26 जनवरी, रविवार सुबह 9:15 बजे रेजांगला युद्ध स्मारक, रेवाड़ी पर आयोजित किया जाएगा।
- कार्यक्रम में राष्ट्रीय ध्वजारोहण किया जाएगा।
- रेजांगला जलूरा टीम द्वारा शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर गणतंत्र दिवस का शुभारंभ किया जाएगा।
- आम नागरिक भी इस आयोजन में शामिल होकर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे।
रेजांगला युद्ध का ऐतिहासिक महत्व
1962 में चीन द्वारा भारत पर किए गए कुटिल आक्रमण के दौरान, 13 कुमाऊँ बटालियन के जवानों ने अद्वितीय साहस और देशभक्ति का परिचय दिया।
- मेजर शैतान सिंह भाटी को इस वीरता के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
- इस लड़ाई में भारतीय जवानों ने दुश्मन की 1300 सैनिकों की सेना को धूल चटाई, लेकिन स्वयं 114 वीर सपूतों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
शहीदों की स्मृति और श्रद्धांजलि
रेजांगला युद्ध स्मारक, रेवाड़ी, उन वीर जवानों के बलिदान की याद में स्थापित किया गया है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण अर्पित किए। गणतंत्र दिवस पर इस स्मारक पर हर साल ध्वजारोहण और श्रद्धांजलि का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं।
इस आयोजन में स्थानीय लोगों और गणमान्य व्यक्तियों के शामिल होने की उम्मीद है। रेजांगला के वीर शहीदों का बलिदान देश के हर नागरिक के लिए प्रेरणादायक है और उनके सम्मान में आयोजित यह कार्यक्रम उनकी महानता को स्मरण करने का एक अवसर प्रदान करता है।