किसी भी समय हो सकता है मुकदमा दर्ज,मानेसर नगर निगम

मानेसर नगर निगम भ्रष्ट अधिकारियों पर दो मंत्रियों की कड़ी नजर,
अब वह तबादला कराने की कोशिश कर रहा है।
गुरुग्राम, 27 जनवरी: हरियाणा सरकार के दो प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों राव नरवीर सिंह और विपुल गोयल ने मानेसर नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है। इन मंत्रियों की कड़ी नजर मानेसर नगर निगम के एक चर्चित भ्रष्ट अधिकारी पर है, जिनके खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं।
नरवीर सिंह ने इस अधिकारी को भ्रष्टाचारी कहकर सार्वजनिक रूप से उसकी निंदा
सूत्रों के अनुसार, इस अधिकारी पर किसी भी समय मुकदमा दर्ज हो सकता है। मंत्री राव नरवीर सिंह ने इस अधिकारी को भ्रष्टाचारी कहकर सार्वजनिक रूप से उसकी निंदा की है, जिसके बाद वह अधिकारी मानेसर नगर निगम से छुट्टी पर चला गया है और अब वह अपनी पोस्ट से तबादला कराने की कोशिश कर रहा है। लेकिन इस अधिकारी के लिए यह स्थिति अब और अधिक कठिन हो गई है, क्योंकि सरकार और मंत्री अब उस पर कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।
पब्लिक टॉयलेट का निर्माण समय से पूरा न करना
मानेसर नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारी पर कई आरोप हैं, जिसमें भूमि को निजी बिल्डरों को सौंपने, पब्लिक टॉयलेट का निर्माण समय से पूरा न करना और निर्माण से पहले ठेकेदारों को क्लीन चिट देना जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। इन मामलों की जांच अब सरकार द्वारा की जा रही है और अधिकारियों की मिलीभगत के सबूत मिलने की संभावना जताई जा रही है। मानेसर नगर निगम से जुड़ी ये खबरें अब जनसाधारण के बीच मुद्दा बन चुकी हैं, और हरियाणा के मंत्री इस पर सख्त कदम उठाने की योजना बना रहे हैं।
पर पब्लिक टॉयलेट पर 29 से 30 लाख रुपए खर्च
इस अधिकारी के अलावा, मानेसर नगर निगम के कुछ और उच्च अधिकारियों पर भी आरोप हैं। इनमें मानेसर नगर निगम के पूर्व कमिश्नर मनीष शर्मा, इमरान मोहम्मद रजाक और वर्तमान में गुरुग्राम नगर निगम में तैनात अशोक गर्ग शामिल हैं। इन तीनों अधिकारियों के कार्यकाल में मानेसर नगर निगम की करोड़ों रुपए की भूमि एक निजी बिल्डर को दी गई, और पब्लिक टॉयलेट पर 29 से 30 लाख रुपए खर्च किए गए, जबकि इसकी असल लागत काफी कम थी। इन मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप और अधिक गहरे होते जा रहे हैं।
सरकार के मुख्य सचिव को इन मामलों में कार्रवाई करने के लिए निर्देश
हरियाणा सरकार के निकाय मंत्री विपुल गोयल और उद्योग मंत्री राव नरवीर सिंह ने इस मामले पर अपनी चिंता व्यक्त की है और सरकार के मुख्य सचिव को इन मामलों में कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए हैं। इन मंत्रियों ने बैठक में साफ तौर पर कहा कि इन मामलों में भ्रष्टाचार की फाइलें उनके पास पहुंच चुकी हैं, और वे इन पर जल्द ही कार्रवाई करेंगे। अधिकारियों को इस बारे में पूरी जानकारी हो चुकी है और वे अब अपनी स्थिति बचाने के लिए अलग-अलग प्रयास कर रहे हैं।
गुरुग्राम नगर निगम में कई बड़े घोटाले सामने आ चुके हैं
हालांकि, इससे पहले भी गुरुग्राम नगर निगम में कई बड़े घोटाले सामने आ चुके हैं, जिनकी जांच अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। इन घोटालों में कथित तौर पर बड़े अधिकारियों का हाथ था, लेकिन इसके बावजूद सरकार की तरफ से किसी ठोस कार्रवाई की कमी रही है। अब देखना होगा कि इस बार भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कदम वास्तविक कार्रवाई की ओर बढ़ते हैं या फिर यह मामला भी पहले की तरह दबकर रह जाएगा।
अगर ऐसा नहीं होता है तो यह साबित होगा कि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण केवल शब्दों तक ही
यह मामला हरियाणा की भाजपा सरकार के भीतर व्याप्त भ्रष्टाचार और सरकारी तंत्र में व्याप्त गड़बड़ियों को उजागर करता है। अगर सरकार इस बार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाती है, तो यह एक सकारात्मक कदम होगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो यह साबित होगा कि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण केवल शब्दों तक ही सीमित रहता है।