
धरने पर बैठने की चेतावनी
अंबाला, 31 जनवरी: हरियाणा की मौजूदा सरकार में बड़ा प्रशासनिक संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश के कई मंत्री खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं क्योंकि न तो मुख्यमंत्री उनकी सुन रहे हैं और न ही अधिकारी उनके आदेशों को मान रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि कैबिनेट मंत्री अनिल विज समेत कई मंत्री अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने की चेतावनी दे रहे हैं।
मंत्रियों को क्यों करनी पड़ रही है शिकायत?
हरियाणा में यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा सरकार के मंत्रियों को यह कहना पड़ रहा है कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते। इससे पहले भी, जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर थे, तब भी सत्ताधारी विधायकों और मंत्रियों की यह शिकायत आम थी। विधानसभा सत्र के दौरान कई बार विधायकों ने यह मुद्दा उठाया था कि अधिकारी उनके आदेशों को गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन तब भी कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
अब, जब नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री बने हैं, तब भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री और मौजूदा कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने खुलकर अधिकारियों पर सवाल उठाए हैं और यहां तक कह दिया कि “अगर अधिकारी इसी तरह मंत्रियों की अनदेखी करते रहे, तो मैं खुद धरने पर बैठ जाऊंगा।”
क्या खट्टर अभी भी सरकार पर हावी?
प्रदेश में भाजपा के कई विधायकों और मंत्रियों का मानना है कि मुख्यमंत्री भले ही नायब सिंह सैनी हों, लेकिन असली सत्ता अब भी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हाथों में ही है।
एक भाजपा विधायक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “हरियाणा में अभी भी मनोहर लाल खट्टर ही असली मुख्यमंत्री हैं। वे केंद्र में मंत्री होने के बावजूद, हरियाणा की प्रशासनिक व्यवस्था को अपनी पकड़ में रखे हुए हैं।”
विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि नायब सिंह सैनी के अधीन ऐसे अधिकारी तैनात किए गए हैं, जो केवल मनोहर लाल खट्टर के इशारे पर काम करते हैं। यही वजह है कि मंत्री और विधायक अब अपने ही प्रशासन के खिलाफ विरोध करने को मजबूर हो गए हैं।
केंद्रीय मंत्रियों की भी कोई सुनवाई नहीं?
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हरियाणा की प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर अब सिर्फ राज्य सरकार के मंत्री ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के मंत्री भी नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से भी इस बाबत शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
चंडीगढ़ में कौन चला रहा है सरकार?
हरियाणा की सत्ता के अंदरखाने से जुड़े सूत्रों का दावा है कि चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में एक रिटायर्ड अधिकारी सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन चुके हैं।
इस अधिकारी की पहुंच इतनी ज्यादा है कि कैबिनेट मंत्री और विधायक भी इसके सामने बेबस हैं।
हरियाणा के आईपीएस और प्रशासनिक अधिकारियों पर भी इसकी पकड़ मजबूत है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से सभी आदेश इसी अधिकारी के माध्यम से निकलते हैं, और मंत्रियों की बातों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
विधायकों को अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
अब आगे क्या होगा?
कैबिनेट मंत्री अनिल विज की चेतावनी के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। सवाल यह है कि क्या मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस मामले में कोई सख्त कदम उठाएंगे, या फिर ब्यूरोक्रेसी इसी तरह मंत्रियों को अनदेखा करती रहेगी?
अगर हालात ऐसे ही बने रहे, तो क्या हरियाणा में भाजपा की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ जाएगी?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस विवाद को कैसे हल करता है, या फिर मंत्रियों को अपनी ही सरकार के खिलाफ संघर्ष करने के लिए छोड़ दिया जाएगा।