
गुरुग्राम छोड़ने को तैयार नहीं अधिकारी, तबादला नीति भी बेअसर
गुरुग्राम, 6 जनवरी – गुरुग्राम में अवैध निर्माण का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से जोन-1 में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किए जा रहे हैं, लेकिन निगम प्रशासन कार्रवाई करने के बजाय केवल कागजी खानापूर्ति में जुटा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कई बार गुरुग्राम कष्ट निवारण समिति की बैठकों में नगर निगम अधिकारियों को फटकार लगा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद तोड़फोड़ दस्ते के अधिकारी अवैध निर्माण माफिया से मिले हुए हैं, जिससे अवैध गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं।
नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत, कार्रवाई के नाम पर लीपापोती
हरियाणा सरकार की ओर से नगर निगम को स्पष्ट निर्देश हैं कि शहर की खूबसूरती बिगाड़ने वाले अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन ज़मीनी स्तर पर प्रशासन निष्क्रिय नजर आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक, नगर निगम के अधिकारी और स्थानीय नेता मिलकर इस खेल को चला रहे हैं।
गुरुग्राम नगर निगम के ज़ोन-1 में अवैध निर्माण इतनी तेज़ी से हो रहे हैं कि स्थानीय लोग भी इस पर सवाल उठा रहे हैं। जेई (जूनियर इंजीनियर) से लेकर एसडीओ (सब डिविजनल ऑफिसर) तक सभी इस पर आंखें मूंदे हुए हैं, जिससे अवैध निर्माणकर्ताओं के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
नगर निगम के तोड़फोड़ दस्ते की निष्क्रियता भी सवालों के घेरे में है। नियम के अनुसार, किसी भी निर्माण को गिराने के लिए पहले नोटिस जारी किया जाता है और फिर तोड़फोड़ की जाती है, लेकिन यहां तो अधिकारियों की मिलीभगत के कारण अवैध निर्माण बिना रोक-टोक के जारी है।
गुरुग्राम छोड़ने को तैयार नहीं अधिकारी, तबादला नीति भी बेअसर
नगर निगम गुरुग्राम में कई अधिकारी ऐसे हैं, जो बरसों से अपनी कुर्सी बचाए बैठे हैं। हरियाणा सरकार के नियम के मुताबिक, कोई भी अधिकारी तीन साल से अधिक एक ही स्थान पर नहीं रह सकता, लेकिन गुरुग्राम में यह नियम सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गया है।
अधिकारी तबादला होने के बाद भी फिर से नगर निगम में लौट आते हैं और ऊंचे पदों पर बैठ जाते हैं। इससे वे स्थानीय बिल्डरों और अवैध निर्माण माफिया से करीबी संबंध बना लेते हैं। यही वजह है कि ज़ोन-1 में अवैध निर्माण बेखौफ होकर किए जा रहे हैं और सरकार के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
ज्वाइंट कमिश्नर विशाल का बयान – अवैध निर्माण किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं
इस मामले पर जोन-1 के ज्वाइंट कमिश्नर विशाल ने कहा कि नगर निगम अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ विंग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे सरकार के आदेशों का पालन करें और किसी भी हाल में अवैध निर्माण को बढ़ावा न दें।
नगर निगम कमिश्नर अशोक घर का बयान – शिकायतें मेरे कार्यालय में करें
नगर निगम कमिश्नर अशोक घर ने कहा कि नगर निगम की ओर से अवैध निर्माणों की रोकथाम के लिए जोन बनाए गए हैं, और ज्वाइंट कमिश्नर इन पर नजर रख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर किसी को किसी भी क्षेत्र में अवैध निर्माण होते हुए दिखे, तो वह नगर निगम कार्यालय में इसकी शिकायत कर सकता है। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री के आदेशों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है और नगर निगम अवैध निर्माणों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।
मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के आदेश फिर भी बेअसर!
गुरुग्राम में अवैध निर्माण का मुद्दा अब प्रशासनिक और राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव कई बार सख्त आदेश जारी कर चुके हैं, लेकिन अधिकारियों की निष्क्रियता और मिलीभगत ने अवैध निर्माण माफिया को और मजबूत कर दिया है।
अब सवाल उठता है कि क्या सरकार इस पर कोई ठोस कार्रवाई करेगी, या फिर यह मामला भी सिर्फ बैठकों और आदेशों तक सीमित रह जाएगा?