
गुरुग्राम, मानेसर मेयर पद के प्रत्याशियों की मंत्रियों के घरों पर भारी भीड़, नेताओं को टिकट दिलवाने में आ रहे पसीने
गुरुग्राम, मानेसर, 12 फरवरी:
नगर निगम चुनावों के मेयर पद के लिए गुरुग्राम और मानेसर में प्रत्याशियों के बीच जमकर संघर्ष जारी है। मेयर पद की टिकटों के लिए सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को पसीने आ रहे हैं, और उनके समर्थक दिल्ली के मंत्रियों के घरों पर दस्तक दे रहे हैं, जिससे टिकट वितरण को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम के मेयर पद के लिए भाजपा के बड़े नेता और कार्यकर्ता अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इन चुनावों में जहां दिल्ली में भाजपा के नेता अपने-अपने समर्थकों के लिए टिकट पाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं, वहीं गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र के सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम मेयर पद के लिए अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने की मांग की है। उन्होंने बैठक में यह स्पष्ट किया कि चूंकि उनकी लोकसभा है, इसलिये उन्हें और भाजपा कार्यकर्ताओं को टिकट मिलना चाहिए।
इसी तरह फरीदाबाद में भी टिकट को लेकर खींचतान जारी है। फरीदाबाद, गुरुग्राम, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी और पलवल जिलों के भाजपा कार्यकर्ता दिल्ली में अपने मंत्रियों के घरों पर पहुंचकर उनसे टिकट दिलवाने की गुहार लगा रहे हैं। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि किसे टिकट मिलेगी। सभी की निगाहें दिल्ली में होने वाली तीसरी बैठक पर टिकी हैं, जहां इस पर निर्णय लिया जा सकता है कि किसे टिकट मिलेगा, कौन बागी होगा, और कौन पार्टी के साथ खड़ा रहेगा।
मेयर पद की टिकट के लिए मोदी सरकार के तीन मंत्रियों में संघर्ष
केंद्र सरकार में तीन भाजपा मंत्रियों के बीच भी अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने को लेकर संघर्ष जारी है। करनाल से सांसद और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, जो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं, अपने करनाल लोकसभा क्षेत्र के अलावा गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी अपने समर्थकों के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। वहीं, राव इंद्रजीत सिंह ने अपने क्षेत्र के बाहर किसी का दखल स्वीकार नहीं किया और उन्होंने साफ किया कि उनकी लोकसभा में टिकट वितरण का फैसला उनके हिसाब से होना चाहिए।
इसी प्रकार, फरीदाबाद के सांसद और केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर भी अपने क्षेत्र में किसी और नेता का दखल नहीं चाहते हैं। यह संघर्ष और बढ़ गया है क्योंकि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर इन सभी क्षेत्रों में भी दखल दे रहे हैं, जिससे नाराजगी भी बढ़ने लगी है। अब यह देखना होगा कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व किसे टिकट देता है और किसे इस संघर्ष में पीछे छोड़ता है।
कुल मिलाकर, गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद नगर निगम मेयर पद की टिकटों को लेकर भाजपा में अंदरूनी लड़ाई बढ़ गई है, और सबकी नजरें दिल्ली में होने वाली बैठक पर हैं, जिसमें इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।