दिल्ली 14 फरवरी -केन्द्र सरकार ने रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सैक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के अंतर्गत हरियाणा को बिजली की विभिन्न परियोजनाओं के लिए 6797 करोड रूपए की स्वीकृति प्रदान की है। यह घोषणा हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने की। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राज्य के बिजली वितरण तंत्र को सुदृढ़ बनाने और आधुनिकीकरण के लिए यह निवेश किया जा रहा है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस स्वीकृत राशि में से गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले के लिए सिस्टम आधुनिकीकरण और स्मार्ट वितरण के लिए 3,638.21 करोड़ रूपए के कार्यों को भी मंजूरी दी गई है। इस राशि से दोनों जिलों में बिजली की आपूर्ति को अधिक प्रभावी और निर्बाध बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाएगा।
आरडीएसएस योजना का उद्देश्य
रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सैक्टर स्कीम (आरडीएसएस) भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य बिजली वितरण क्षेत्र की वित्तीय क्षमता और परिचालन दक्षता को बढ़ाना है। इस योजना के तहत राज्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) को उनकी वित्तीय स्थिति सुधारने और वितरण तंत्र को आधुनिक बनाने में सहायता प्रदान की जाती है।
इस योजना के अंतर्गत विभिन्न उपाय किए जाते हैं, जिनमें स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम की स्थापना, वितरण बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण, विद्युत हानि को कम करना और उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना शामिल है। स्मार्ट मीटरिंग के माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके बिजली उपयोग की वास्तविक जानकारी मिलेगी और इससे बिलिंग प्रणाली में भी पारदर्शिता आएगी।
हरियाणा में बिजली व्यवस्था का आधुनिकीकरण
श्री विज ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत हरियाणा में बिजली वितरण प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे। इन कार्यों में प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
- स्मार्ट मीटरिंग कार्यों का क्रियान्वयन: निविदाएं जारी कर प्रीपेड स्मार्ट मीटर की स्थापना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे उपभोक्ता अपनी खपत को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकेंगे और बिजली चोरी को रोका जा सकेगा।
- बिजली वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण: ट्रांसफार्मर अपग्रेडेशन, सबस्टेशन सुधार, नई ट्रांसमिशन लाइनों की स्थापना आदि कार्य किए जाएंगे, जिससे बिजली आपूर्ति में आने वाली रुकावटों को कम किया जा सके।
- वितरण उपयोगिताओं की वित्तीय व्यवहार्यता को मजबूत करना: इस योजना के माध्यम से राज्य की बिजली वितरण कंपनियों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, जिससे उन्हें घाटे से उबरने और सेवाओं को और अधिक कुशल बनाने में मदद मिलेगी।
उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
इस योजना के लागू होने से हरियाणा के उपभोक्ताओं को बेहतर और स्थायी बिजली आपूर्ति मिलेगी। स्मार्ट मीटरिंग से उपभोक्ताओं को अपने बिजली बिल की सटीक जानकारी मिलेगी और उनकी बिजली खपत पर नियंत्रण बढ़ेगा। वहीं, राज्य सरकार को बिजली चोरी और बिलिंग से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलेगी।
ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने कहा कि केन्द्र सरकार की इस योजना से राज्य में बिजली वितरण क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा। इससे हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को सुगम, किफायती और निरंतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के सफल क्रियान्वयन से राज्य के औद्योगिक और घरेलू उपभोक्ताओं को बहुत लाभ होगा।
रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सैक्टर स्कीम के तहत हरियाणा को मिली 6797 करोड़ रुपए की मंजूरी राज्य के बिजली क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक होगी। इस योजना से न केवल वितरण प्रणाली को आधुनिक बनाया जाएगा, बल्कि बिजली की आपूर्ति में सुधार कर उपभोक्ताओं को निर्बाध और किफायती सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी। स्मार्ट मीटरिंग जैसी तकनीकों के माध्यम से बिजली वितरण कंपनियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और बिजली चोरी जैसी समस्याओं पर प्रभावी रोक लगेगी।