दिल्ली 14 फरवरी -लोकप्रिय यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया कानूनी संकट में घिरते जा रहे हैं। ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो पर की गई अपनी अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते उन पर देशभर में कई एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और इन सभी मामलों को एक साथ जोड़ने की मांग की है।
रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ विभिन्न राज्यों में अलग-अलग धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। इसे लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें सभी एफआईआर को एक साथ जोड़कर किसी एक स्थान पर सुनवाई किए जाने की गुहार लगाई गई है। याचिका में यह तर्क दिया गया है कि अलग-अलग राज्यों में दर्ज मामलों के कारण उन्हें बार-बार अलग-अलग जगहों पर पेश होना पड़ रहा है, जिससे उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से परेशानी हो रही है।
असम पुलिस ने किया तलब
इसी विवाद के सिलसिले में असम पुलिस ने भी रणवीर इलाहाबादिया को पूछताछ के लिए तलब किया है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने उन्हें जल्द से जल्द गुवाहाटी पहुंचने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस भी इस मामले में कार्रवाई कर चुकी हैं।
क्या है पूरा मामला?
रणवीर इलाहाबादिया अपने यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं। लेकिन हाल ही में उनके द्वारा ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो के दौरान की गई अश्लील टिप्पणी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। इस बयान के कारण सोशल मीडिया पर उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा, और देखते ही देखते कई जगह उनके खिलाफ पुलिस में शिकायतें दर्ज हो गईं।
रणवीर की दलील
रणवीर इलाहाबादिया का कहना है कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था और उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि सभी एफआईआर को एक ही जगह ट्रांसफर कर दिया जाए ताकि उन्हें बार-बार अलग-अलग जगहों पर पेश न होना पड़े।
क्या सुप्रीम कोर्ट देगा राहत?
अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या रुख अपनाता है। अगर अदालत उनकी याचिका स्वीकार करती है, तो इससे रणवीर को कानूनी राहत मिल सकती है। हालांकि, अगर कोर्ट याचिका को खारिज करता है, तो उन्हें देशभर की अदालतों में अलग-अलग मामलों का सामना करना पड़ेगा।
फिलहाल, इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है। कुछ लोग रणवीर का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ उनकी आलोचना कर रहे हैं। अब कानूनी कार्रवाई का अगला कदम क्या होगा, यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।