
खेती की उपजाऊ भूमि को काटकर वहां अवैध कॉलोनियों का निर्माण
गुरुग्राम: कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण जारी, प्रशासन की लापरवाही बनी समस्या
गुरुग्राम, 15 फरवरी:
गुरुग्राम जिले के पटौदी ब्लॉक स्थित गांव भोड़ा कला की कृषि योग्य भूमि पर अवैध प्लाटिंग का काम जोर शोर से चल रहा है। खेती की उपजाऊ भूमि को काटकर वहां अवैध कॉलोनियों का निर्माण हो रहा है, जिससे न केवल खेती का नुकसान हो रहा है, बल्कि स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण स्थिति और बिगड़ती जा रही है। यह सभी गतिविधियाँ प्रॉपर्टी डीलरों और कॉलोनी माफियाओं के मिलाजुला प्रयास से हो रही हैं, और प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई करने में नाकाम हो रहा है।
अवैध कॉलोनियों का निर्माण:
सांठगांठ के कारण कोई भी ठोस कदम नहीं
गांव भोड़ा कला में कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण तेजी से हो रहा है, जहां सरकारी अस्पताल के रास्ते से जाते हुए शंकर वाली ढाणी के बीच अवैध प्लॉट काटे जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, डीटीपी विभाग और पटौदी ब्लॉक के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी है, लेकिन सांठगांठ के कारण कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। इस अवैध कॉलोनी माफिया की गतिविधियां न केवल कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि यह स्थानीय विकास और पर्यावरण के लिए भी खतरा बन रही हैं।
रजिस्ट्री और अवैध व्यापार:
रजिस्ट्री भी धड़ल्ले से हो रही है
कॉलोनी माफिया खेतों में प्लॉट काटकर उन्हें 100 गज से 300 गज तक के आकार में बेच रहा है। रजिस्ट्री भी धड़ल्ले से हो रही है, और इसकी कीमत ₹8,000 से ₹15,000 प्रति प्लॉट तक हो सकती है। हालांकि, रजिस्ट्री में भी कुछ गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। पटौदी तहसील में हर प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए अतिरिक्त कीमत चुकानी पड़ रही है, जो इस बात को साबित करता है कि राजस्व विभाग के कर्मचारी भी इस अवैध धंधे में शामिल हैं। अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री अक्सर छुट्टी वाले दिनों में भी की जाती है और पिछली तारीखों पर रजिस्ट्री हो रही है, जो अधिकारियों की मिली-भगत का प्रतीक है।
नए अवैध कॉलोनियों का निर्माण:
एक दर्जन से ज्यादा अवैध कॉलोनियां बन चुकी हैं।
पहले ही गांव में एक दर्जन से ज्यादा अवैध कॉलोनियां बन चुकी हैं। अब नई कॉलोनियों का निर्माण कृषि भूमि में हो रहा है, और इन कॉलोनियों में जमीन के प्लॉट्स की बिक्री तेजी से हो रही है। बिलासपुर के पास औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण इन अवैध कॉलोनियों में प्लॉट लेने वालों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। इसके अलावा, गांव के चैनपुरा और हरिजन बस्ती के पास अवैध कॉलोनियां तेजी से बन रही हैं।
प्रशासनिक लापरवाही:
इन कॉलोनियों को कोई रोक नहीं मिल पा रही है।
गुरुग्राम डीटीपी विभाग और पटौदी राजस्व विभाग को इस बारे में कई बार सूचित किया गया है, लेकिन अधिकारियों की मिली-भगत के कारण इन कॉलोनियों को कोई रोक नहीं मिल पा रही है। कई प्रॉपर्टी डीलरों ने इस मामले की शिकायत डीटीपी विभाग से की थी, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यही कारण है कि इन कॉलोनियों का निर्माण और रजिस्ट्री लगातार बढ़ रही है।
जिला उपायुक्त का बयान:
तहसीलदार और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कड़ी
गुरुग्राम के जिला उपायुक्त अजय कुमार ने इस पर सख्त बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कृषि भूमि या किसी अन्य जगह पर अवैध कॉलोनी बन रही है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में संबंधित तहसीलदार और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और अवैध कॉलोनियों का विस्तार होने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। जिला उपायुक्त ने डीटीपी विभाग को आदेश दिए हैं कि किसी भी अवैध कॉलोनी का विस्तार न हो और अगर ऐसा किया गया, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को अवैध कॉलोनी का निर्माण होते हुए दिखाई दे तो वह गुप्त सूचना दे सकता है, और उस सूचना के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
डीटीपी अधिकारी का बयान:
अधिकारियों की सांठगांठ के चलते यह मामला बिना हल हुए चलता रहता है।
डीटीपी विभाग के सीनियर अधिकारी आरएस भाट्ट से कई बार संपर्क किया गया, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला। सूत्रों के अनुसार, भाट्ट का नाम चर्चा में है, क्योंकि उनकी लापरवाही के कारण यह अवैध कॉलोनियों का निर्माण जारी है।
रजिस्ट्री का मामला प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता
गुरुग्राम में कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण और रजिस्ट्री का मामला प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है। अगर इस पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो न केवल कृषि भूमि का शोषण होगा, बल्कि स्थानीय लोगों और पर्यावरण के लिए भी यह बड़ा खतरा बन सकता है। जिला उपायुक्त ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन यह देखना होगा कि क्या यह कार्रवाई प्रभावी होती है या फिर अधिकारियों की सांठगांठ के चलते यह मामला बिना हल हुए चलता रहता है।