
हरियाणा को न्यायोचित जल अधिकार मिले: CM नायब सिंह सैनी ने रावी-ब्यास जल विवाद पर की अहम अपील
नई दिल्ली, 21 फरवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण के समक्ष राज्य के जल अधिकारों का मुद्दा मजबूती से उठाया। उन्होंने न्यायाधिकरण से आग्रह किया कि 30 जनवरी 1987 को प्रस्तुत रिपोर्ट पर जल्द से जल्द अंतिम निर्णय लिया जाए, ताकि हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिल सके।
हरियाणा को पानी का अधिकार मिलना जरूरी: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सैनी ने न्यायाधिकरण की बैठक के दौरान अध्यक्ष न्यायमूर्ति विनीत सरन, सदस्य न्यायमूर्ति पी. नवीन राव और सुमन श्याम का स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा की 2.80 करोड़ जनता वर्षों से इस निर्णय की प्रतीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा, “हरियाणा का हर नागरिक – बच्चा, युवा और बुजुर्ग – अपने जल अधिकार को लेकर चिंतित है। न्यायाधिकरण से हमें सकारात्मक निर्णय की उम्मीद है, जो पूरे देश के लिए सराहनीय होगा।”
जल संरक्षण पर जोर, नदियों को जोड़ने की योजना का समर्थन
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नदियों को जोड़ने की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे आगे बढ़ा रहे हैं, और हरियाणा सरकार भी इस दिशा में कदम उठा रही है।
एसवाईएल नहर विवाद पर मुख्यमंत्री का बड़ा बयान
सैनी ने एसवाईएल (सतलुज-यमुना लिंक) नहर का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही हरियाणा के पक्ष में फैसला सुना चुका है, लेकिन पंजाब सरकार अब तक पानी देने में आनाकानी कर रही है। उन्होंने कहा, “हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिलना चाहिए। हम कई बार यह मांग उठा चुके हैं, और उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकलेगा।”
बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल, हरियाणा और पंजाब के महाधिवक्ता समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।हरियाणा सरकार जल अधिकारों को लेकर गंभीर है और न्यायाधिकरण से जल्द निर्णय की उम्मीद कर रही है। इस बैठक से हरियाणा को अपने पानी के अधिकार की लड़ाई में नया संबल मिला है।