पटना 22 फरवरी -बिहार के रजिस्ट्री कार्यालयों को बिना झंझट के कमाई का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है.
कहा जाता है कि यहां जिसकी पोस्टिंग हुई, उसकी किस्मत दफ्तर में बैठे-बैठे ही संवर जाती है. कहीं हाथ-पैर मारने की जरूरत नहीं होती. लेकिन अब इस कमाई पर रोक लगने जा रही है. क्योंकि जमीन खरीद बिक्री करने वालों को रजिस्ट्री ऑफिस जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.
पेपरलेस रजिस्ट्री की शुरूआत
बिहार सरकार ने कुछ महीने पहले ही राज्य के सभी रजिस्ट्री ऑफिस में ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू की थी. अब सरकार ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है. बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री पेपरलेस होगी. इसमें कहीं किसी कागज की जरूरत नहीं होगी. सबसे खास बात ये ही कि घर बैठे ही लोग जमीन की खरीद बिक्री कर लेंगे.
चार रजिस्ट्री ऑफिस से शुरूआत
बिहार सरकार ने पेपरलेस रजिस्ट्री की शुरूआत 27 फरवरी से करने का फैसला लिया है. शुरू में चार निबंधन कार्यालय में ये सुविधा दी जायेगी. 27 फरवरी से राज्य के चार निबंधन कार्यालय आरा, शेखपुरा, पटना के फतुहा और मोतिहारी के केसरिया रजिस्ट्री ऑफिस से होगी. इसके बाद धीरे-धीरे इसे सभी रजिस्ट्री कार्यालय में लागू किया जायेगा. सरकार ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य के सभी 137 रजिस्ट्री कार्यालय में पेपरलेस रजिस्ट्री शुरू हो जायेगी.
रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
बिहार के निबंधन महानिरीक्षक रजनीश कुमार ने पेपरलेस रजिस्ट्री को लेकर सभी सब रजिस्ट्रार और डिप्टी सब रजिस्ट्रार को तैयार रहने का निर्देश दिया है. इस प्रणाली में पेपरलेस रजिस्ट्रेशन आधार प्रमाणीकरण वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी. इसका फायदा ये होगा कि जमीन खरीद बिक्री करने वाले को रजिस्ट्री ऑफिस आने की जरूरत नहीं होगी. वे अपने स्थान से ही ऑनलाइन रजिस्ट्री कर सकेंगे और स्टांप ड्यूटी के साथ साथ रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन माध्यम से कर सकेंगे. इससे रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े की आशंका कम होगी.
कातिब और स्टांप वेंडर के लिए भी व्यवस्था
सरकार के ई निबंधन और पेपरलेस रजिस्ट्री योजना का कातिब और स्टांप वेंडर विरोध कर रहे थे. सरकार ने उन्हें बेरोजगार नहीं होने देने का भरोसा दिलाया है. वे लोग पेपरलेस रजिस्ट्री शुरू होने के बाद भी बेरोजगार नहीं होंगे. राज्य सरकार ने उनके लिए भी विकल्प दिया है. वे भी ऑनलाइन लॉगिन कर पहले जैसा काम करते रहेंगे. अंतर सिर्फ इतना होगा कि पहले फिजिकल डीड तैयार करते थे. अब उन्हें ऑनलाइन कार्य करना होगा. वैसे भी ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से रजिस्ट्री शुरू होने के बाद कातिब ऑनलाइन तरीके से ही कार्य कर रहे हैं.
लोगों को रजिस्ट्री ऑफिस का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर
बिहार में अब तक जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए लोगों को कई बार निबंधन कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे. लेकिन नए सॉफ्टवेयर के आने से लोगों को यह परेशानी दूर हो गयी है. पेपरलेस रजिस्ट्री के बाद इसमें और भी राहत होगी. हालांकि, ऑफिस के पदाधिकारी व कर्मचारियों की परेशानी और बढ़ जायेगी. ई-निबंधन से रजिस्ट्री शुरू होने के बाद से ऑफिस के कर्मचारी व अधिकारी परेशान चल रहे हैं. कलम की जगह उन्हें माउस घुमाना पड़ रहा है. नये नियम से और परेशानी बढ़ेगी. तिरहुत प्रमंडल के सहायक निबंधन महानिरीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि 27 से पेपरलेस रजिस्ट्री की शुरुआत होगी. राज्य के चार रजिस्ट्री ऑफिस में इसकी शुरुआत हो रही है. तिरहुत प्रमंडल के केसरिया ऑफिस इसमें शामिल है. जल्द सभी ऑफिस में पेपरलेस रजिस्ट्री शुरू होगी.