गुरुग्राम: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक बुवानीवाला ने हरियाणा में हुए निकाय चुनावों में कम मतदान को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कम मतदान इस बात का संकेत है कि जनता का लोकतंत्र पर से भरोसा उठ रहा है। उन्होंने इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सत्तारूढ़ दल ने मतदान प्रक्रिया को कमजोर कर दिया है, जिससे लोग अब चुनावों से दूर होते जा रहे हैं।
ईवीएम और वीवीपैट को लेकर कांग्रेस का सवाल
बुवानीवाला ने कहा कि हर चुनाव में ईवीएम (EVM) की विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाता। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद निकाय चुनावों में वीवीपैट (VVPAT) का इस्तेमाल नहीं किया, जिससे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल से शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन आयोग का जवाब हास्यास्पद है। आयोग ने कहा कि वीवीपैट की कमी के कारण इनका उपयोग नहीं किया गया, जबकि इस समय देश में कोई बड़ा चुनाव नहीं हो रहा है। बुवानीवाला ने इसे चुनावी गड़बड़ी का संकेत बताया और कहा कि इस बहाने से संदेह और बढ़ जाता है।
गुरुग्राम में 50% से कम मतदान पर जताई चिंता
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम नगर निगम चुनावों में 50% से कम मतदान होना गंभीर चिंता का विषय है। उनके अनुसार, जनता मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंची क्योंकि वह सरकार और चुनावी प्रक्रिया से निराश हो चुकी है।
भाजपा सरकार पर प्रशासनिक विफलता के आरोप
बुवानीवाला ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल ने लोकतंत्र की जड़ें कमजोर कर दी हैं। उन्होंने कहा कि जनता सड़क, सीवरेज, पीने के पानी और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रही है, लेकिन सरकार ने उसे सिर्फ ऑनलाइन पोर्टलों में उलझा कर रख दिया है।
उन्होंने कहा कि लोग भाजपा सरकार से बेहद नाराज हैं, इसलिए वे मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि कम मतदान जनता के विरोध का ही एक रूप है, जिसे भाजपा को समझना चाहिए।
मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग
बुवानीवाला ने आरोप लगाया कि मतदान के बाद भी उम्मीदवारों को बूथ एजेंट्स के लिए फॉर्म 17C हासिल करने के लिए चुनाव आयोग के कर्मचारियों से संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने सवाल किया कि कब तक ऐसी अव्यवस्थित लोकतांत्रिक प्रक्रिया को झेलना पड़ेगा?
उन्होंने चुनाव आयोग से ईवीएम में वीवीपैट अनिवार्य रूप से लगाने और मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने की मांग की।
अशोक बुवानीवाला ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि कम मतदान लोकतंत्र की गिरती साख का प्रतीक है। उन्होंने ईवीएम की पारदर्शिता, चुनाव आयोग की भूमिका और भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए।
क्या कम मतदान सच में जनता के रोष का प्रतीक है, या यह केवल राजनीतिक बयानबाजी है? इस पर बहस जारी है।