
प्रीति योग में किए गए कामों से मान-सम्मान मिलता है.
नमस्ये सर्वलोकानां जननीमब्जसम्भवाम् ।
श्रियमुन्निद्रपद्माक्षीं विष्णुवक्षःस्थलस्थिताम् ॥
अर्थ –
सम्पूर्ण लोकों की जननी, विकसित कमल के सदृश नेत्रोंवाली, भगवान विष्णु के वक्षःस्थल में विराजमान कमलोद्भवा श्रीलक्ष्मी देवी को मैं नमस्कार करता हूँ ॥
IIआज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थितिII
🕉 श्री गणेशाय नमः, जय श्री कृष्ण 🙏🙏
🙏🙏 सब सुखी व स्वस्थ रहें 🌱🌹
विक्रम संवत 2081
संवत्सर नाम -: कालयुक्त
संवत्सर राजा-: मंगल
संवत्सर मंत्री-: शनि
🌕सूर्य उत्तरायण, ऋतु-: वसंत
सूर्य उदय : प्रातः 6/44
सूर्य अस्त : सायं 6/21
📺 फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि
अंग्रेजी दिनांक-: 7/3/2025
दिन-: शुक्रवार
🌕 चंद्रमा-: वृष राशि में प्रात: 11/44 तक उसके बाद मिथुन राशि में
🥳राशि स्वामी-: शुक्र/बुद्ध
🌱 आज का नक्षत्र-: मृगशिरा रात्रि 11/32 तक उसके बाद आर्द्रा
💓 नक्षत्र स्वामी – : मंगल/राहु
✨️ चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश:
प्रात: 5/57 से मृगशिरा नक्षत्र चरण 2 में
11/45 से मृगशिरा नक्षत्र चरण 3 में
सायं 5/41 से मृगशिरा नक्षत्र चरण 4 में
रात्रि 11/32 से आर्द्रा नक्षत्र चरण 1 में
🔥 योग -: सायं 6/15 तक प्रीति योग (सूर्य और चंद्रमा की दूरी के आधार पर बनने वाले योग को प्रीति योग कहते हैं. यह एक शुभ योग है. प्रीति योग में किए गए कामों से मान-सम्मान मिलता है. इस योग में जन्म लेने वाले लोग भाग्यशाली होते हैं. विषयों के ज्ञाता, जीवंत और उत्साहपूर्वक कोई भी काम करते हैं.
ये लोग सौन्दर्य प्रेमी होते हैं और विपरीत लिंग के व्यक्ति से प्रेम करते हैं. प्रीति योग में किए गए विवाह से जीवन सुखमय होता है. इस योग में मेल-मिलाप बढ़ाने और रूठे मित्रों-संबंधियों को मनाने में सफलता मिलती है. झगड़े निपटाने या समझौता करने के लिए भी यह योग शुभ होता है.)
सायं 6/15 के बाद आयुष्मान योग (आयुष्मान योग को ज्योतिष शास्त्र में शुभ योग माना जाता है. इस योग में किए गए कामों से लंबे समय तक शुभ परिणाम मिलते हैं. इस योग में सोना, आभूषण, प्रॉपर्टी आदि की खरीदारी करना शुभ होता है. इस योग में किए गए कामों से धन बढ़ता है. आयुष्मान योग के दिन भगवान शिव या भगवान नारायण की पूजा करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है
इस योग में सोना, आभूषण, प्रॉपर्टी आदि की खरीदारी करना शुभ होता है.
🪴आज का विशेष पर्व एवं धार्मिक महत्त्व
होलाष्टक प्रारंभ (सभी मांगलिक कार्य समाप्त)
प्रहलाद को आठ दिन घोर यातनाएं दीं. इसी अवधि को होलाष्टक कहा जाता है. यह फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी से शुरू होकर फाल्गुन मास की पूर्णिमा तक माना जाता है. होलाष्टक का अंत होलिका दहन के साथ हो जाता है. जितना हो सके बिना स्वार्थ लोगों की मदद करें
अन्नपूर्णा अष्टमी -: मान्यताओं के अनुसार, जिस घर में मां अन्नपूर्णा की कृपा दृष्टि रहती है वहां का रसोईघर सदैव अन्न-धन से भरा रहता है.अन्नपूर्णा को देवी पार्वती का रूप माना जाता है. उन्हीं की पूजा करने का विधान है
🔮 ज्योतिषीय सलाह:
♻️ शुभ दिशा-: पूर्व,उत्तर, उत्तर-पूर्व
♻️ दिशा शूल -: पश्चिम दिशा की ओर यात्रा करने से बचें, अति आवश्यक होने पर जौ खाकर प्रस्थान करें
आज की ग्रह स्थिति -:
🌷सूर्य -: कुंभ राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी गुरु) रात्रि 2/34 से चरण 2 में
🛑मंगल -: मिथुन राशि पुनर्वसु नक्षत्र चरण 2 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
🌱 बुद्ध -: मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 3 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
🌕गुरु -: वृष राशि रोहिणी नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी चंद्र)
💃 शुक्र (वक्री) -: मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
🌊 शनि (अस्त) -: कुंभ राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 3 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
🎥 राहु-: मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
🛐केतु-: कन्या राशि उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 3 में (नक्षत्र स्वामी सूर्य)
🤬राहु काल -: प्रात: 11/04 से दोपहर 12/32 बजे तक कोई शुभ या नया कार्य न करें
दैनिक लग्न सारणी -:
प्रात: 7/05 तक कुम्भ
8/29 तक मीन
10/05 तक मेष
दोपहर 12/00 तक वृष
2/14 तक मिथुन
सायं 4/34 तक कर्क
6/52 तक सिंह
रात्रि 9/08 तक कन्या
11/27 तक तुला
1/45 तक वृश्चिक
सूर्योदय पूर्व 3/50 तक धनु
5/33 तक मकर