वीटा में रोजगार पर संकट: 6 जिलों के 1792 कर्मियों को 4 महीने से नहीं मिला वेतन, चहेतों को वेतन और प्रमोशन दोनों

चंडीगढ़, 10 मार्च : हरियाणा डेयरी विकास सहकारी संघ से संबंधित वीटा मिल्क प्लांट के 1792 संविदा कर्मचारी इन दिनों भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिला है, और वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंतित हैं। इसके अलावा, उन्हें वर्षों से कोई प्रमोशन भी नहीं दिया गया है, जबकि कुछ चहेते कर्मचारियों को बिना किसी समस्या के वेतन और प्रमोशन दोनों मिल रहे हैं।
इन कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा से ज्ञापन सौंपा है और उनसे अपनी मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कई वर्षों तक वीटा मिल्क प्लांट में कार्य किया, लेकिन उन्हें न तो समय पर वेतन मिला और न ही प्रमोशन दिया गया।
वीटा मिल्क प्लांट में कार्यरत कर्मचारी
वीटा मिल्क प्लांट में हरियाणा के छह जिलों – अंबाला, कुरुक्षेत्र, सिरसा, जींद, रोहतक और बल्लभगढ़ – से कुल 1792 कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश कर्मचारी पांच से बीस साल से वीटा मिल्क प्लांट में स्थायी रूप से कार्यरत हैं। वीटा मिल्क प्लांट यूनियन के प्रधान भूपेंद्र सिंह, सुशील कुमार, गुलाब सिंह, रवि कुमार, सोहन लाल और जितेंद्र सिंह का आरोप है कि उन्हें वर्षों से प्रमोशन नहीं दिया गया है, और उनका वेतन भी समय पर नहीं मिलता।
चहेते कर्मचारियों को प्रमोशन और वेतन
वहीं, हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन मुख्यालय में एक कर्मचारी को 2022 में ठेकेदार के जरिए चपरासी के पद पर भर्ती किया गया था। 4 नवंबर 2022 को उसे हरियाणा कौशल रोजगार निगम में सेवादार के तृतीय श्रेणी के केयरटेकर के पद पर प्रमोशन दे दिया गया। जबकि, कई कर्मचारियों ने वर्षों तक सेवा दी है, लेकिन उन्हें अब तक कोई प्रमोशन नहीं मिला। कर्मचारियों का आरोप है कि यह एक प्रकार का भेदभाव है और यह प्रमोशन साजिश के तहत दिया गया है।
इसके साथ ही कर्मचारियों का यह भी कहना है कि कुछ चहेते कर्मचारियों को निरंतर वेतन मिल रहा है, जबकि अन्य कर्मचारी पिछले चार महीनों से वेतन के लिए तरस रहे हैं।
आर्थिक संकट और परिवारिक परेशानियां
वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। वे अपने परिवार का भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं और बच्चों की स्कूल फीस तक चुकाने में भी असमर्थ हो रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि किसी भी कर्मचारी को हरियाणा कांट्रेक्चुअल कर्मचारी सिक्योरिटी सर्विस एक्ट का लाभ नहीं दिया जा रहा है, जबकि यह कानून उनके अधिकारों के तहत लागू होना चाहिए।
कर्मचारियों की मांगें
कर्मचारियों ने सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा से अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने मांग की है कि उन्हें जल्द से जल्द हरियाणा कांट्रेक्चुअल कर्मचारी सिक्योरिटी सर्विस एक्ट का लाभ दिया जाए, उनका लंबित वेतन शीघ्र जारी किया जाए, और विभागीय भ्रष्टाचार पर कड़ा एक्शन लिया जाए। कर्मचारियों का यह भी कहना है कि उच्च अधिकारियों को केवल अपने पेट से मतलब है, जबकि कर्मचारियों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
सहकारिता मंत्री का आश्वासन
सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर कार्रवाई की जाएगी और जल्द ही उनका समाधान किया जाएगा।
वीटा मिल्क प्लांट के कर्मचारियों को वेतन और प्रमोशन के मामले में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। वे लंबे समय से बिना वेतन और प्रमोशन के काम कर रहे हैं, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इन समस्याओं के समाधान के लिए कर्मचारियों ने सहकारिता मंत्री से मदद की अपील की है, और मंत्री ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है।