
पुलिस के समक्ष मचाया उत्पाद, विकास कार्यों को कराया बंद
गुरुग्राम/सोहना, 11 मार्च:
सोहना आईएमटी (इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप) में विकास कार्यों की गति तेज करने के उद्देश्य से एचएसआईडीसी (हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम) के डीजीएम अरुण कुमार गर्ग अपनी टीम के साथ जब सोहना आईएमटी पहुंचे, तो पहले से ही वहां पर मौजूद कुछ असामाजिक तत्वों ने किसानों के नाम पर अधिकारियों पर हमला करने के लिए ग्रामीणों को उकसाया। इस बीच, कुछ समय के लिए सोहना आईएमटी क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। किसानों के बीच से एक आवाज आई कि अधिकारियों को घेर लिया जाए और बंधक बना लिया जाए, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
पुलिस ने अधिकारियों को सुरक्षित किया:
पुलिस के जवानों ने अपनी तत्परता दिखाते हुए अधिकारियों को एचएसआईडीसी मेवात के कार्यालय तक सुरक्षित पहुंचाया। पुलिस और किसानों के बीच कुछ समय तक झड़पें और संघर्ष हुआ, लेकिन अंततः पुलिस ने अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। किसानों और पुलिस के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी रही, और मामला गंभीर हो गया।
किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे:
किसानों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे तब तक किसी भी विकास कार्य को नहीं होने देंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं। एचएसआईडीसी के डीजीएम अरुण कुमार गर्ग और उनके सहयोगी अमित दलाल ने किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक कोई काम नहीं होने दिया जाएगा।
पुलिस और किसानों के बीच तनाव बढ़ा:
इस दौरान मेवात पुलिस का लचीलापन और किसानों का हौसला बढ़ते जा रहे थे। पुलिस के अधिकारियों के साथ खड़े होने के बजाय, मेवात पुलिस ने किसानों का समर्थन किया, जिससे किसानों के हौसले और बढ़ गए। परिणामस्वरूप, किसानों ने सरकारी अधिकारियों को चुनौती दी और औद्योगिक क्षेत्र के विकास कार्यों को रोकने की धमकी दी।
घटना के दौरान, कुछ असामाजिक तत्वों ने सरकारी अधिकारियों पर हमला करने का प्रयास किया। यदि पुलिस ने सक्रिय रूप से अधिकारियों के साथ खड़ा होकर औद्योगिक क्षेत्र के विकास कार्य में सहयोग किया होता, तो शायद यह स्थिति और भी गंभीर न होती।
उद्योग मंत्री राव नरवीर सिंह का बयान:
हरियाणा के उद्योग मंत्री राव नरवीर सिंह ने विधानसभा के बाद पत्रकारों से बात करते हुए इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जो भी कानून को हाथ में लेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसानों को बैठकर अपनी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। अगर वे गुंडागर्दी करेंगे या सरकारी अधिकारियों पर हमला करेंगे, तो सरकार किसी को भी बख्शेगी नहीं।”
उन्होंने यह भी कहा कि मेवात के लोग शांति प्रिय हैं, लेकिन कुछ लोग किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपील की कि किसानों को भाईचारे को बनाए रखना चाहिए और किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए। मंत्री ने यह भी कहा कि जो लोग किसानों को उकसा रहे हैं, सरकार उन लोगों पर भी नजर रखेगी और समय आने पर सख्त कार्रवाई करेगी।
किसानों से अपील:
मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे शांतिपूर्वक बैठकर अपनी समस्याओं का समाधान करें और किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है, लेकिन जो लोग कानून को तोड़ेंगे और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ हिंसा फैलाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
किसान आंदोलन और सरकार की प्रतिक्रिया:
इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि मेवात क्षेत्र में किसानों और सरकारी अधिकारियों के बीच तनाव और असहमति बनी हुई है। जहां एक ओर सरकार औद्योगिक विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ किसान अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून हाथ में लेने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जाएगी, और जो लोग ऐसा करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना मेवात की कानून व्यवस्था और किसानों के आंदोलनों के संदर्भ में एक नया मोड़ लेकर आई है, और सरकार के लिए एक चुनौती प्रस्तुत कर रही है कि कैसे दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाए रखा जाए।