
राकेश टिकैत अपनी महापंचायत के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाने में सफल होते हैं
किसान नेता राकेश टिकैत की महापंचायत
गुरुग्राम/सोहना, 6 अप्रैल 2025:
सोहना मेवात क्षेत्र में किसानों और प्रशासन के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष अब एक नया मोड़ ले सकता है। किसानों ने 7 अप्रैल को मेवात के औद्योगिक क्षेत्र में एक महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया है, जिसमें प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत भाग लेंगे। यह महापंचायत औद्योगिक क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों का विरोध करने और अपनी भूमि के मुआवजे में वृद्धि की मांग करने के लिए आयोजित की जा रही है।
किसानों का विरोध और प्रशासन की तैयारी
किसान लंबे समय से अपनी ज़मीन के उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं और उन्होंने मेवात के औद्योगिक क्षेत्र के विकास कार्यों में रुकावट डालने का प्रयास किया है। हालांकि, हरियाणा सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र में विकास कार्यों को जारी रखने का निर्णय लिया है, और इस कारण किसानों का विरोध बढ़ता जा रहा है।
महापंचायत में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के किसान भी भाग लेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि वे महापंचायत के माध्यम से औद्योगिक विकास कार्यों को रोकने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को उनकी ज़मीन का उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य को नहीं होने दिया जाएगा।
प्रशासन ने बढ़ाए सुरक्षा इंतजाम
5 ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं।
हरियाणा सरकार और प्रशासन ने इस महापंचायत को लेकर अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। प्रशासन ने 500 से ज्यादा पुलिस जवानों की तैनाती की है, साथ ही 5 ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा, पुलिस अधीक्षक भी मौके पर तैनात रहेंगे और सुरक्षा व्यवस्था को संभालेंगे। पुलिस की अतिरिक्त टुकड़ियां गुरुग्राम, रेवाड़ी, पलवल और मेवात से भेजी गई हैं, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अगर महापंचायत के दौरान कोई असामाजिक गतिविधि होती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी कहा है कि जिन किसानों ने पहले सरकार के विरोध में काम किया था, उन्हें पहले ही चेतावनी दी जा चुकी है, और अगर वे फिर से ऐसी गतिविधियों में शामिल पाए गए, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
किसानों का हौसला और प्रशासन का डर
किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि प्रशासन और सरकार द्वारा किए जा रहे दबाव के बावजूद किसान डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, “अगर केंद्र सरकार से हम अपनी मांगों के लिए जीत सकते हैं, तो हरियाणा सरकार को भी हमारी आवाज़ सुननी पड़ेगी।” उनका कहना है कि किसान अपनी ज़मीनों के लिए किसी भी कीमत पर लड़ेंगे।
पुलिस का बड़ा एक्शन
मेवात पुलिस ने पहले ही चेतावनी दी है कि यदि महापंचायत के दौरान कोई भी किसान नेता किसी प्रकार की गड़बड़ी करता है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा। पिछली बार जो किसान नेता सरकार के विरोध में काम करते पाए गए थे, उनके खिलाफ पहले से ही कार्रवाई की जा चुकी है और वे भविष्य में किसी भी विरोध गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते। पुलिस प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं कि कोई भी अप्रिय घटना न हो।
क्या होगा परिणाम?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या किसान नेता राकेश टिकैत अपनी महापंचायत के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाने में सफल होते हैं, या फिर प्रशासन अपनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत माहौल को शांत रखने में कामयाब होता है।
सोहना मेवात के औद्योगिक क्षेत्र के काम को रोकने की यह लड़ाई दोनों पक्षों के लिए निर्णायक हो सकती है। यह संघर्ष हरियाणा सरकार, किसान नेताओं और स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है, और 7 अप्रैल को होने वाली महापंचायत के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि किसानों और सरकार के बीच की खाई कितनी गहरी है।