
किसानों को कमजोर ना समझा जाए, देश का किसान अपनी बात मंगवाना जानता है – गौरव टिकैत
गुरुग्राम/मेवात, 7 अप्रैल:
देश के किसानों के साथ जिस भी सरकार ने धोखा किया है, वह सरकार ज्यादा समय तक सत्ता में नहीं टिक पाई है। मेवात के जवानों ने आज़ादी की लड़ाई में अंग्रेजों को भागने पर मजबूर किया था और मेवात की धरती शहीदों की भूमि है। 1857 की लड़ाई में मेवातियों ने अंग्रेजों को हिंदुस्तान की धरती से भगा दिया और उनके सेनापतियों को मिट्टी में मिला दिया था। यह शब्द देश के किसान नेता राकेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत ने गुरुग्राम के सोहना आईएमटी में किसानों की जनसभा को संबोधित करते हुए कहे।
गौरव टिकैत ने कहा, “मेरे दादा महेंद्र टिकैत ने देशभर में किसानों की आवाज उठाई थी और सरकारों से उनकी मांगें मंगवाने का काम किया था। आज हम उन्हीं के पदचिन्हों पर चल रहे हैं। आज हमारा परिवार किसानों के हक के लिए संघर्ष कर रहा है। अगर मेवात के किसानों को मेरे खून के कतरे की भी जरूरत पड़ी, तो गौरव टिकैत पीछे नहीं हटेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश का किसान अन्नदाता है और जिन सरकारों ने अन्नदाता का अपमान किया है, वे ज्यादा समय तक सत्ता में नहीं टिक पाईं। गौरव टिकैत ने हरियाणा सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानी और उनका अपमान किया, तो इसका गंभीर परिणाम होगा।
हरियाणा सरकार को चेतावनी:
गौरव टिकैत ने हरियाणा सरकार को चेतावनी दी कि वह किसानों को हल्के में न ले। अगर किसान सड़कों पर उतर गए, तो सरकार के लिए स्थिति संभालना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी चेतावनी दी कि अब किसान समय नहीं देंगे और धोखा देना बंद कर दें।
किसान नेता रवि आजाद की चेतावनी:
इस अवसर पर राष्ट्रीय किसान नेता रवि आजाद ने भी पंचायत को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “जो सरकार किसानों के साथ धोखा करती है, वह कभी आगे नहीं बढ़ पाई।” उन्होंने जिला प्रशासन से एक बार फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग की और कहा कि अगर एचएसआईडीसी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से किसानों की मुलाकात नहीं करवाई, तो किसान अपने खेतों में कब्जा कर फसल बोएंगे और जो भी इसे रोकने आएगा, उसे भी देख लिया जाएगा। रवि आजाद ने कहा, “किसानों के साथ किसी भी सरकार ने आंख उठाई है, उसका यही हाल हुआ है और उसे बाद में पछतावा करना पड़ा है।
किसानों का गुस्सा:
औद्योगिक कार्यों को 4 घंटे तक रोक दिया।
सोहना आईएमटी के औद्योगिक क्षेत्र में विकास कार्यों को रुकवाने के बाद किसानों ने प्रशासन से बार-बार आग्रह किया कि अगर कोई बड़ा अधिकारी है, तो वह उनसे बात कर ले, लेकिन मौके पर कोई बड़ा अधिकारी नहीं पहुंचा। इसके परिणामस्वरूप किसानों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने औद्योगिक कार्यों को 4 घंटे तक रोक दिया। मौके पर एचएसआईडीसी के एडीजीएम अरुण कुमार गर्ग , डीजीएम दिलबाग सिंह दहिया, वरिष्ठ अधिकारी अमित दलाल सहित एक दर्जन से अधिक कर्मचारी अधिकारी 4 घंटे तक धूप में सड़कों पर किसानों के बीच खड़े रहे इस दौरान
जब किसानों ने चेतावनी दी कि वे आंदोलन को बढ़ाएंगे, तब मेवात के अतिरिक्त उपयुक्त अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन वे भी पंचायत के सामने लाचार नजर आए।
पुलिस का सामना:
किसानों और पुलिस का सामना करीब 4 से 5 घंटे तक चला। पुलिस के जवान भी किसानों के सामने खड़े रहे, लेकिन किसानों के दबाव में पुलिस के जवान इधर-उधर खेतों में बैठते नजर आए। लगभग 4 घंटे बाद जब किसान वापस लौटे, तो पुलिस के जवान भी गायब हो गए।
रवि आजाद और गौरव टिकैत से ख़ास बातचीत:
गौरव टिकैत ने विशेष बातचीत में कहा, “मेरे पिता राकेश टिकैत आज यहां आने वाले थे, लेकिन किसी कार्य के कारण नहीं आ पाए। मैंने देखा है कि किसानों के साथ अन्याय हो रहा है और यह बात देश की हर पंचायत में उठाऊंगा।” वहीं, किसान नेता रवि आजाद ने कहा, “हम किसान के बेटे हैं और किसानों की समस्याओं को बखूबी समझते हैं। किसान रात दिन मेहनत करके अपने परिवार और प्रदेश का पेट भरता है, लेकिन सरकार उनकी परेशानियों पर ध्यान नहीं दे रही है। मेवात में फिर एक महापंचायत रखी जाएगी और अब आर-पार की लड़ाई होगी।”
किसानों का संघर्ष जारी है:
किसानों का संघर्ष जारी है और उनका संदेश साफ है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। यह संघर्ष केवल कृषि कानूनों के खिलाफ नहीं है, बल्कि किसानों के समग्र अधिकारों और उनके सम्मान के लिए भी है।
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