
जितना कार्य किया गया है, उसकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं है।
चंडीगढ़ , 8 अप्रैल: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (एचपीपीसी), विभागीय उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (डीएचपीपीसी), और हाई पॉवर्ड वर्क्स परचेज कमेटी (एचपीडब्ल्यूपीसी) की बैठक में 2330 करोड़ रुपये से अधिक के कॉन्ट्रैक्ट और विभिन्न वस्तुओं की खरीद को मंजूरी दी गई। इस बैठक में विभिन्न बोलीदाताओं से नेगोसिएशन के बाद लगभग 106 करोड़ रुपये की बचत भी की गई है। बैठक में कैबिनेट मंत्री अनिल विज, महीपाल ढांडा, विपुल गोयल, डॉ. अरविंद शर्मा और रणबीर गंगवा भी उपस्थित रहे।
इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं होगा
बैठक में नूंह जिले के शहीद हसन खां मेवाती राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नल्हड़ में गैर-आवासीय भवनों के शेष कार्य की विशेष मरम्मत को भी मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि कॉन्ट्रैक्टर द्वारा यह कार्य अधूरा छोड़ा गया है और जितना कार्य किया गया है, उसकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने सख्त आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों और कॉन्ट्रैक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में गुणवत्ता के मामले में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए और सभी कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे किए जाएं। किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नए अस्पतालों और अन्य निर्माण परियोजनाओं को मिली मंजूरी
बैठक में फरीदाबाद में बी.के. (सिविल) अस्पताल परिसर में मातृ एवं शिशु अस्पताल के निर्माण, करनाल के असंध में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण को भी मंजूरी दी गई। इसके अलावा, पलवल जिले के गांव भैंडोली में सरकारी कॉलेज का निर्माण, झज्जर जिले में झज्जर डीघल रेलवे लाइन (झज्जर-धौर रोड) पर एलसी 26-सी पर 2 लेन आरओबी के अप्रोच मार्गों का निर्माण भी स्वीकृत किया गया।
बैठक में कैथल जिले के मुंधरी में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय में कन्या तथा लड़कों का छात्रावास, रोहतक और गुरुग्राम क्षेत्र में 66 केवी और 132 केवी कम्पोजिट ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण, पानीपत में एचएसवीपी क्षेत्र के औद्योगिक सेक्टर-25, 28, 29 और 30 में सड़कों के अपग्रेडेशन और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी), सोहना में 24 रेडी-बिल्ड फैक्ट्रियों के निर्माण को भी मंजूरी दी गई।
जलापूर्ति और सीवरेज प्रणाली परियोजनाओं को मिली मंजूरी
बैठक में इंडस्ट्रीयल एस्टेट पानीपत में 22 एमएलडी क्षमता वाले जल उपचार संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) की स्थापना और 10 एमएलडी क्षमता वाले सीईपीटी का निर्माण व संचालन को मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त, कुरूक्षेत्र में सरस्वती नदी की क्षमता बढ़ाने के लिए आरडी 207850 से 217000 और आरडी 234700 से आरडी 246000 तक आरसीसी रिटेनिंग वॉल का निर्माण, करनाल में आरडी 0 से 22000 तक और आरडी 22000 से 44000 तक एनबीके लिंक चैनल का पुनर्वास और कुरुक्षेत्र में सरस्वती फीडर के पुनर्वास के लिए भी मंजूरी दी गई।
बैठक में सीवरेज सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 18 सुपर सकर मशीनों की खरीद को भी मंजूरी दी गई। इसके अलावा, 780 महिला सांस्कृतिक केंद्रों के लिए विभिन्न सामान की खरीद को भी मंजूरी दी गई।