
उद्योगों के लिए एक सुरक्षित माहौल बना है।
लखनऊ, 9 अप्रैल: उत्तर प्रदेश ने पिछले 8 वर्षों में सेवा, सुशासन और सुरक्षा के मोर्चे पर सरकार द्वारा किए गए सफल प्रयासों से विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 2016 में जहां प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय ₹52,671 थी, वहीं 2023-24 में यह ₹93,514 तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा सिर्फ सांख्यिकी नहीं, बल्कि प्रदेश के विकास की वास्तविकता और उसकी कड़ी मेहनत की गवाही देता है।
योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में कई निर्णायक कदम उठाए हैं, जिनकी बदौलत उत्तर प्रदेश को गरीबी से समृद्धि की ओर मोड़ा गया है। प्रदेश ने अब आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे की मजबूती, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार किए हैं। इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश न केवल भारत में एक प्रमुख राज्य बन चुका है, बल्कि अब यह वन ट्रिलियन इकॉनॉमी बनने के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
योगी सरकार ने प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने, उद्यमिता को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। साथ ही, कानून-व्यवस्था की स्थिति में भी सुधार हुआ है, जिससे प्रदेश में व्यापार और उद्योगों के लिए एक सुरक्षित माहौल बना है।
प्रदेश की बढ़ती प्रति व्यक्ति आय, मजबूत बुनियादी ढांचा, निवेश की बढ़ती आवक, और बेहतर सामाजिक सेवाओं के चलते उत्तर प्रदेश अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक आर्थिक ताकत के रूप में उभरने की दिशा में अग्रसर है। प्रदेश का उद्देश्य अब सिर्फ विकास की दिशा में कदम बढ़ाना नहीं, बल्कि इसे एक मजबूत और समृद्ध आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सफलता को प्रदेशवासियों के योगदान और सरकार की नीतियों का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि यह विकास का केवल शुरुआती चरण है, और आगे उत्तर प्रदेश को और अधिक विकास और समृद्धि की दिशा में अग्रसर करने के लिए सरकार की योजनाएं जारी रहेंगी।