
अहमदाबाद, 9 अप्रैल: कांग्रेस पार्टी के 84वें अधिवेशन में मंगलवार को राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के भविष्य और देश की राजनीतिक स्थिति को लेकर कुछ महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
राहुल गांधी का बयान:
राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी के संघर्ष के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण के मुद्दों में उलझी रही, और इस कारण ओबीसी (आर्थिक पिछड़ा वर्ग) ने हमारा साथ छोड़ दिया। राहुल ने यह भी कहा कि हम मुस्लिमों की बात करते हैं, इसलिए हमें मुस्लिम परस्त कहा जाता है, लेकिन हमें ऐसी आलोचनाओं से डरना नहीं चाहिए और अपने मुद्दों को उठाते रहना चाहिए। उनका कहना था कि पार्टी को इन सामाजिक वर्गों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगे बढ़ना चाहिए और समाज के हर वर्ग को जोड़ने का काम करना चाहिए।
मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान:
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधते हुए कहा कि यह हास्यास्पद है कि आज वही संगठन, जिनका स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं था, सरदार वल्लभभाई पटेल की विचारधारा का दावा कर रहे हैं। खड़गे ने आरोप लगाया कि भाजपा और संघ परिवार के लोग गांधीजी से जुड़ी संस्थाओं पर कब्जा कर रहे हैं और उन्हें उनके वैचारिक विरोधियों को सौंप रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से गुजरात विद्यापीठ और वाराणसी में सर्व सेवा संघ पर संघ परिवार के कब्जे का जिक्र किया।
खड़गे ने यह भी कहा कि गांधीवादी विचारधारा और सहकारी आंदोलन के लोगों को हाशिए पर डाला जा रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “गांधीजी का चश्मा और छड़ी ये लोग चुरा सकते हैं, लेकिन उनके आदर्शों का पालन कभी नहीं कर सकते।”
कांग्रेस के 84वें अधिवेशन में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी की विचारधारा और भाजपा-संघ की आलोचना करते हुए कांग्रेस के लिए एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता की बात की। राहुल गांधी ने पार्टी के सामाजिक आधार को मजबूत करने और ओबीसी समुदाय को फिर से साथ लाने की बात की, जबकि खड़गे ने भाजपा और संघ के गांधीजी के विचारों के प्रति विरोधाभासी दृष्टिकोण की आलोचना की।