
आज का पंचांग और ग्रह स्थिति
विक्रम संवत 2082
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संवत्सर नाम: सिद्धार्थी
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संवत्सर राजा: सूर्य
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संवत्सर मंत्री: सूर्य
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ऋतु: वसंत
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सूर्य उत्तरायण
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सूर्य उदय: प्रातः 6:06
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सूर्य अस्त: सायं 6:40
आज की तिथि:
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चैत्र मास शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि
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अंग्रेजी तिथि: 9/4/2025
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दिन: बुधवार
चंद्रमा की स्थिति:
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चंद्रमा: सिंह राशि में
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राशि स्वामी: सूर्य
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नक्षत्र: मघा (प्रात: 9:57 तक)
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नक्षत्र स्वामी: केतु/शुक्र
चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश:
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प्रात: 9:57 से पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 1 में
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सायं 4:34 से पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 2 में
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रात्रि 11:11 से पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 3 में
आज के योग और शुभ समय
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गण्डमूल योग: प्रात: 9:57 तक
यह समय अशुभ माना जाता है और इसे किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए ठीक नहीं माना जाता। -
वृद्धि योग:
सायं 6:25 तक गण्ड स्थिति रहेगी, जिसके बाद वृद्धि योग प्रारंभ होगा। वृद्धि योग में किए गए कार्यों में वृद्धि होती है और कोई रुकावट नहीं आती, इसलिए इसे शुभ माना जाता है।
मुख्य पर्व और त्यौहार
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गण्डमूल: प्रात: 9:57 तक
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विष्णु दमनोत्सव: एक विशेष पर्व जो भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा मनाया जाता है।
आज की शुभ दिशा और यात्रा संबंधित सलाह
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शुभ दिशा: दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम
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दिशा शूल: उत्तर दिशा की ओर यात्रा करने से बचें। अगर यात्रा करना जरूरी हो, तो धनिया या तिल खाकर यात्रा करें।
ग्रहों की स्थिति
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सूर्य: मीन राशि से रेवती नक्षत्र चरण 2 में (स्वामी: बुद्ध)
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मंगल: मिथुन राशि पुनर्वसु नक्षत्र चरण 4 में (स्वामी: गुरु)
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बुद्ध: मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 1 में (स्वामी: शनि)
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गुरु: वृष राशि रोहिणी नक्षत्र चरण 4 में (स्वामी: चंद्र)
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शुक्र (वक्री): मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (स्वामी: शनि)
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शनि: मीन राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (स्वामी: गुरु)
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राहु: मीन राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (स्वामी: शनि)
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केतु: कन्या राशि उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 2 में (स्वामी: सूर्य)
राहु काल (अशुभ समय)
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राहु काल: दोपहर 12:30 से 2:00 बजे तक
इस समय किसी भी शुभ या नए कार्य को शुरू करने से बचें।
दैनिक लग्न सारणी
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प्रात: 6:19 तक मीन
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7:55 तक मेष
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9:50 तक वृष
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दोपहर 12:04 तक मिथुन
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2:23 तक कर्क
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सायं 4:42 तक सिंह
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6:58 तक कन्या
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रात्रि 9:17 तक तुला
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11:36 तक वृश्चिक
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1:40 तक धनु
संक्षिप्त सारांश:
आज का दिन विशेष रूप से बुधवार को लेकर महत्वपूर्ण है। ग्रहों की स्थिति मिश्रित है, जिसमें कुछ अशुभ योग (गण्डमूल) के बाद शुभ योग (वृद्धि योग) की शुरुआत हो रही है। राहु काल का ध्यान रखें और नए कार्यों के लिए सायं के समय को उपयुक्त समझा जा सकता है। इस दिन को शुभ बनाने के लिए गणेश जी के आशीर्वाद के साथ शुरुआत करें।