
जब सपा की सरकार थी, तब किसानों को न तो सही समर्थन मूल्य मिल रहा था और न ही उनकी फसलों की खरीदारी के लिए कोई ठोस व्यवस्था थी।
लखनऊ, 9 अप्रैल: उत्तर प्रदेश में किसानों की समस्याओं और फसल की खरीदारी को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जनसभा में सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब सपा की सरकार थी, तब किसानों को न तो सही समर्थन मूल्य मिल रहा था और न ही उनकी फसलों की खरीदारी के लिए कोई ठोस व्यवस्था थी।
उन्हें डर-डर कर बाजारों में फसल बेचनी पड़ती थी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा शासन के दौरान किसानों को अपनी फसल बेचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। उन्हें डर-डर कर बाजारों में फसल बेचनी पड़ती थी, और इस दौरान उन्हें उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता था। वहीं, योगी ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार के तहत किसानों को अब न सिर्फ अपनी फसल बेचने में कोई समस्या नहीं होती, बल्कि उन्हें बेहतर समर्थन मूल्य भी मिलता है।
योगी सरकार में किसानों के लिए सुधार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने किसानों के हित में कई बड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सपा सरकार के समय गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹1450 था, जबकि भाजपा सरकार ने इसे बढ़ाकर ₹2425 कर दिया है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि सपा सरकार के दौरान केवल 4,656 क्रय केंद्र थे, जिन्हें भाजपा सरकार ने बढ़ाकर 6,500 कर दिया है।
योगी ने यह भी कहा कि यह कदम किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रहे हैं और इस से यह सिद्ध होता है कि भाजपा सरकार अपने संवेदनशील नेतृत्व के तहत किसानों के हित में कार्य कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की सरकार में किसान अपने खेत से लेकर खलिहान तक हर स्तर पर सुरक्षित महसूस कर रहा है।
सपा सरकार पर आरोप
योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि सपा सरकार के समय किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता था और सरकार की कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि सपा सरकार की अनदेखी के कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जबकि भाजपा सरकार ने किसान हितों को सर्वोपरि रखते हुए उनके लिए कई सुधार लागू किए हैं।
सपा की प्रतिक्रिया
वहीं, सपा ने योगी आदित्यनाथ के इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि भाजपा सरकार ने केवल चुनावी लाभ के लिए किसानों की समस्याओं को भड़काया है। सपा नेताओं का कहना है कि अगर भाजपा सरकार किसानों की मदद कर रही होती तो वे पहले अपने कार्यकाल में इस दिशा में ठोस कदम उठाती। सपा ने यह भी कहा कि किसान अपनी समस्याओं को लेकर लगातार भाजपा सरकार से निराश हैं और भाजपा सरकार की नीतियों से किसान अधिक परेशान हो रहे हैं।
भाजपा के बीच जुबानी जंग लगातार बढ़ती जा रही है।
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश में किसानों को लेकर सपा और भाजपा के बीच जुबानी जंग लगातार बढ़ती जा रही है। दोनों ही दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, और किसानों के मुद्दे पर अपनी-अपनी सरकारों को सही साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल, यह मामला राजनीतिक रूप से गर्म है और आगामी चुनावों में यह मुद्दा महत्वपूर्ण बन सकता है।