
हरियाणा में बदला-बदला मौसम: बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा
चंडीगढ़, 11 अप्रैल 2025
हरियाणा में पिछले 24 घंटों के दौरान मौसम ने करवट बदली है। राज्य के विभिन्न जिलों में हल्की से लेकर तेज बारिश और कहीं-कहीं ओलावृष्टि दर्ज की गई, जिससे फसल और अनाज मंडियों को नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने 11 और 12 अप्रैल के लिए भी अलर्ट जारी किया है, जिसमें तेज हवाओं, बादलों की आवाजाही और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।
कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि
सोनीपत, जींद, करनाल, नारनौल, महेंद्रगढ़, हिसार के बरवाला, भिवानी, डबवाली और रतिया जैसे इलाकों में बारिश हुई है। वहीं कुछ स्थानों पर ओले गिरने की भी खबर है। नारनौल और अटेली में सबसे अधिक 14.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि महेंद्रगढ़ में 1.5 मिमी, नांगल चौधरी में 2.5 मिमी, सतनाली में 5 मिमी और जींद में 3 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
हिसार में बुधवार रात हल्की बारिश के बाद गुरुवार को मौसम में बदलाव देखा गया। आसमान में बादल छाए रहे और दोपहर के बाद से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। कई जिलों में दोपहर तक तेज धूप और गर्मी रही, जिससे लोगों को तपिश का सामना करना पड़ा।
अनाज मंडियों में लापरवाही: भीग गया गेहूं
बारिश से सबसे अधिक नुकसान अनाज मंडियों में देखने को मिला। सोनीपत, बरवाला सहित कई मंडियों में खुले में रखे गेहूं के बोरे भीग गए। किसानों और व्यापारियों ने आरोप लगाया कि मंडियों में बारिश से बचाव के पुख्ता इंतज़ाम नहीं किए गए थे, जिससे अनाज को नुकसान पहुंचा है।
किसानों के लिए विशेष सलाह
मौसम विभाग और कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है:
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जितनी गेहूं की कटाई करें, उसकी साथ-साथ बंधाई करें और बंडल बनाएं, ताकि तेज हवाओं से फसल बिखरे नहीं।
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अगर मशीन से कटाई हो रही है तो बंधाई की सुविधा होनी चाहिए।
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जो फसल पहले से कटी हुई है, उसे तिरपाल या अन्य कवर से ढककर सुरक्षित करें।
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मंडियों में अनाज को भी भीगने से बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें।
अगले 48 घंटे अहम
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय हवाओं के कारण यह मौसम प्रणाली सक्रिय हुई है। इसका असर अगले 1–2 दिनों तक बना रह सकता है। 12 अप्रैल तक हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी जारी रह सकती है।
हरियाणा में बदले मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खेतों और मंडियों में रखे गेहूं को नुकसान से बचाने के लिए सावधानी और त्वरित कदम जरूरी हैं। प्रशासन और मौसम विभाग दोनों ही लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दे रहे हैं, ताकि प्राकृतिक आपदा से बचाव किया जा सके।