
क्या यह केवल एक उदाहरण है या और भी पुलिसकर्मी शामिल हैं?
गुरुग्राम, 11 अप्रैल 2025: हरियाणा के गुरुग्राम में पुलिसकर्मियों द्वारा रेडी और खोमचा लगाने वालों से वसूली करने का मामला सामने आया है, जिसमें चार पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में पुलिसकर्मी चाय और परांठे की रेहड़ी वालों से हफ्ता वसूली कर रहे थे, और दुकान बंद करवाने की धमकी देकर पैसे मांगते थे।
पुलिस कमिश्नर के आदेश पर की गई इस कार्रवाई में चार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें एक एएसआई, एक सिपाही, एक EHC और एक SPO शामिल थे। पुलिस ने इनको कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। यह वसूली का गोरखधंधा काफी समय से चल रहा था, और इसके चलते रेहड़ी वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
यह पूरी घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब गुरुग्राम की सड़कों पर कई अन्य प्रदेशों के लोग अपनी रोजी-रोटी के लिए छोटे-छोटे धंधे कर रहे हैं। इन लोगों से पुलिसकर्मी मोटी रकम वसूल रहे थे, जबकि इन गरीब और मेहनतकश लोगों के पास इसका कोई विकल्प नहीं था। हालांकि, अब गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर ने इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि यह वसूली किसकी मिलीभगत से चल रही थी।
क्या यह सिर्फ चार पुलिसकर्मियों का मामला था?
अब सवाल यह है कि यह वसूली का गोरखधंधा केवल इन चार पुलिसकर्मियों तक सीमित था या इसके पीछे अन्य अधिकारियों का भी हाथ था? गुरुग्राम में पुलिसकर्मी सड़कों पर रेहड़ी और खोमचा लगाने वालों से पैसे ले रहे थे, और दुकान बंद करने की धमकी देकर उन्हें परेशान कर रहे थे। ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, लेकिन यह पहली बार है जब पुलिसकर्मियों को इस तरह से गिरफ्तार किया गया है।
रेहड़ी वालों से वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों का यह गोरखधंधा किसकी इशारे पर चल रहा था? क्या यह पूरी तरह से इन चार पुलिसकर्मियों का व्यक्तिगत काम था, या इसके पीछे उच्च अधिकारियों का हाथ था? यह एक बड़ा सवाल है, और इसकी गहराई से जांच की आवश्यकता है।
क्या इस एक्शन से सुधार होगा?
गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर ने चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन क्या इससे पुलिस विभाग में स्थायी सुधार आएगा या यह केवल एक दिखावा होगा? इसके बारे में कुछ भी कह पाना अभी मुश्किल है, क्योंकि इस तरह के कई मामले पहले भी सामने आए हैं, लेकिन कार्रवाई के बाद स्थिति जस की तस बनी रही है।
अब यह देखना होगा कि गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर के इस एक्शन से विभाग में क्या सुधार होता है। क्या अन्य पुलिसकर्मी इस तरह की वसूली में शामिल हैं, या यह सिर्फ कुछ लोगों का निजी गोरखधंधा था? अगर इस कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग सच में सुधार करेगा, तो इसका असर सड़कों पर धंधा करने वालों पर भी पड़ेगा।
कुल मिलाकर, गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर की इस कार्रवाई के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि पुलिसकर्मियों की इस तरह की वसूली की घटनाएं कम होंगी। हालांकि, इसके लिए सिर्फ एक्शन लेना पर्याप्त नहीं है। इसके लिए एक सशक्त और स्थायी नीति की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।