भाजपा सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह का बड़ा बयान
भिवानी (हरियाणा), 11 अप्रैल 2025:
भाजपा सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह ने वक़्फ़ बोर्ड को लेकर हाल ही में बनाए गए नए कानून पर उठ रहे विरोध को सिरे से खारिज करते हुए इसे मुस्लिम समाज के हित में बताया है। उन्होंने विरोध करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि “दिक्कत मुसलमानों को नहीं, बल्कि ठोलेदारों को है।”
🏛️ वक़्फ़ कानून पर भाजपा सांसद की दो टूक बात:
भिवानी में आयोजित एक कार्यक्रम में सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह ने कहा:
“वक़्फ़ बोर्ड का उद्देश्य मुस्लिम समाज का उत्थान था, लेकिन पहले इसकी कमाई कुछ चुनिंदा ठेकेदारों की जेब में जाती थी। अब नया कानून पारदर्शिता लाएगा। हर रुपये का ऑडिट होगा, जिससे समाज को वास्तविक लाभ मिलेगा।“
उन्होंने कहा कि वक़्फ़ की संपत्ति से मिलने वाली आय अरबों में है, परंतु उसका उपयोग मुस्लिम समुदाय की शिक्षा, स्वास्थ्य व कल्याण में न होकर कुछ लोगों की जेब में चला जाता था। नया कानून इन गड़बड़ियों पर लगाम लगाएगा और एक साल में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
उन्होंने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भी हमला बोलते हुए कहा, “जो विरोध कर रहे हैं, वही वक़्फ़ की कमाई में हिस्सेदार थे। ओवैसी जैसे नेता मुस्लिमों का हक छीनने वाले ‘ठोलेदार’ हैं।”
🏗️ IIT की मांग: NCR में भिवानी-महेन्द्रगढ़ को बनाने की वकालत
चौधरी धर्मबीर सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र भिवानी-महेन्द्रगढ़ में IIT की स्थापना की मांग दोहराई। उन्होंने बताया कि:
“एनसीआर के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में रेल और सड़क कनेक्टिविटी बहुत मजबूत है। यहां के लोग हज़ारों एकड़ ज़मीन फ्री देने को तैयार हैं, ताकि युवाओं को तकनीकी शिक्षा का लाभ मिल सके।“
🌾 कृषि व्यवस्था पर भी बोले सांसद:
हरियाणा में इस बार मौसम अनुकूल होने के चलते गेहूं और सरसों की पैदावार बढ़िया हुई है। सांसद ने बताया कि:
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मंडियों में खरीद सुनियोजित ढंग से चल रही है।
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किसान और व्यापारी दोनों संतुष्ट हैं।
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जहां-जहां जाम की स्थिति बनी, वहां पुलिस द्वारा व्यवस्था सुधार दी गई है।
📌 राजनीतिक संदेश साफ़:
इस बयानबाज़ी के ज़रिए भाजपा एक तरफ़ वक़्फ़ कानून को मुस्लिम हितैषी बताने का प्रयास कर रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष को भ्रष्टाचार में लिप्त बताकर जनता के सामने कठघरे में खड़ा कर रही है।
📺 वक़्फ़ कानून पर नई बहस को जन्म दिया है।
सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह के बयानों ने वक़्फ़ कानून पर नई बहस को जन्म दिया है। अब देखना यह है कि एक साल बाद उनके दावे कितने सही साबित होते हैं और क्या भिवानी को IIT की सौगात मिल पाती है या यह केवल राजनीतिक घोषणा बन कर रह जाती है।