
नए रेट लागू करने पर रोक
चंडीगढ़, 11 अप्रैल 2025,
हरियाणा सरकार ने राज्य में अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री को लेकर एक अहम फैसला लिया है। अब आगामी आदेश तक रजिस्ट्री पुराने कलेक्टर रेट (Collector Rates) पर ही की जाएगी। इस संबंध में राजस्व विभाग द्वारा सभी जिलों के उपायुक्तों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि वर्ष 2025-26 के लिए अचल संपत्तियों के ट्रांसफर रजिस्ट्रेशन को सार्वजनिक हित में फिलहाल पुराने कलेक्टर रेट पर ही जारी रखा जाएगा। यह निर्णय तब तक प्रभावी रहेगा जब तक सरकार द्वारा नए निर्देश जारी नहीं किए जाते।
हर साल अप्रैल में होते हैं कलेक्टर रेट में बदलाव
गौरतलब है कि आमतौर पर हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल में सभी जिलों में कलेक्टर रेट को पुनः निर्धारित किया जाता है। कलेक्टर रेट वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर किसी संपत्ति की रजिस्ट्री की जाती है। यह दर बाजार मूल्य से अलग होती है और रजिस्ट्री शुल्क, स्टांप ड्यूटी आदि इसी के आधार पर तय होती है।
लेकिन इस वर्ष सरकार ने इस पर रोक लगाने का निर्णय लिया है, जिससे आम लोगों को कुछ राहत मिलने की संभावना है। इससे रियल एस्टेट मार्केट को भी कुछ सहारा मिल सकता है, क्योंकि रजिस्ट्री की लागत में संभावित बढ़ोतरी फिलहाल टल गई है।
क्या होगा असर?
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खरीदारों को राहत: पुराने रेट पर रजिस्ट्री होने से स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्री शुल्क कम लगेगा।
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रियल एस्टेट सेक्टर को समर्थन: प्रॉपर्टी की बिक्री-खरीद में रफ्तार बनी रहेगी।
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सरकार को राजस्व में थोड़ा असर: कलेक्टर रेट में वृद्धि टलने से सरकार को तत्कालिक राजस्व में कुछ कमी हो सकती है, लेकिन सार्वजनिक हित को प्राथमिकता दी गई है।
राजस्व विभाग का यह आदेश आमजन के हित में लिया गया कदम माना जा रहा है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता बनी रह सकती है और संपत्ति खरीदने वालों को भी राहत मिलेगी। अब देखना होगा कि सरकार अगला आदेश कब तक जारी करती है और नए कलेक्टर रेट कब लागू किए जाएंगे।
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