
केंद्रों के एस.एम.ओ. को कारण बताओ नोटिस जारी
चंडीगढ़, 11 अप्रैल – हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धीर राजपाल ने राज्य टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) का गठन किया है, जो राज्य में पी.सी. एंड पी.एन.डी.टी. अधिनियम को सख्ती से लागू करने का कार्य करेगा। इस अधिनियम का उद्देश्य लिंग निर्धारण और भ्रूण हत्या पर रोक लगाना है।
इसके तहत, हरियाणा में 1500 मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एम.टी.पी.) केंद्रों में से 300 केंद्रों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है या वे केंद्र स्वेच्छा से वापस ले लिए गए हैं। इस सप्ताह में ही 23 एम.टी.पी. केंद्रों को नोटिस जारी कर उन्हें बंद करने का कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
पिछले तीन महीनों में, राज्य में 23 पी.एन.डी.टी. छापे मारे गए हैं
इसके अलावा, पिछले दो महीनों में 17 ऑनलाइन एम.टी.पी. किट विक्रेताओं के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। इन विक्रेताओं पर अवैध रूप से गर्भपात की दवाइयां बेची जाने का आरोप है।
पिछले तीन महीनों में, राज्य में 23 पी.एन.डी.टी. छापे मारे गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप इन केंद्रों को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, जिला हिसार के नोडल अधिकारी, पी.एन.डी.टी. को निलंबित कर दिया गया है।
प्रभारी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एस.एम.ओ.) को भी कारण बताओ नोटिस
स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सी.एच.सी.) के प्रभारी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एस.एम.ओ.) को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। इनमें से 12 सी.एच.सी. जो विभिन्न जिलों में स्थित हैं, उन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। यह सी.एच.सी. निम्नलिखित जिलों में स्थित हैं:
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नाहर, जिला रेवाड़ी
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तोशाम, जिला भिवानी
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दनौदा, जिला जींद
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कुंजपुरा, जिला करनाल
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टाऊरू, जिला नूंह
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तिगांव, जिला फरीदाबाद
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भट्टू कलां, जिला फतेहाबाद
इन सभी केंद्रों के एस.एम.ओ. को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए गए हैं, ताकि वे बताएं कि क्यों उनके केंद्रों पर कार्रवाई की जाए।
स्वास्थ्य विभाग की यह सख्ती पी.सी. और पी.एन.डी.टी. अधिनियम के उल्लंघन को रोकने और भ्रूण हत्या की घटनाओं पर काबू पाने के उद्देश्य से की गई है।
यह पहल राज्य में अवैध गर्भपात और लिंग चयन जैसे अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम