
अब तक 32 बैंक कर्मचारी हो चुके हैं अरेस्ट
गुरुग्राम, 12 अप्रैल 2025।
साइबर अपराध के मामलों पर सख्त रवैया अपनाते हुए गुरुग्राम पुलिस ने एक और बैंक कर्मचारी को साइबर ठगी में संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किया गया आरोपी इंडसइंड बैंक का कर्मचारी है, जिसने फर्जी फर्म के नाम पर खाता खोलकर धोखाधड़ी में मदद की थी। इस गिरफ्तारी के साथ अब तक कुल 32 बैंक कर्मचारी साइबर ठगी में संलिप्त पाए जा चुके हैं।
35 लाख से अधिक की ठगी का मामला
6 जुलाई 2024 को साइबर थाना (पूर्व), गुरुग्राम में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें बताया गया था कि शिकायतकर्ता को शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर लगभग ₹35,69,000 की ठगी की गई। इस शिकायत पर संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
विकास कौशिक (HPS), सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर अपराध / DLF) के दिशा-निर्देशन में निरीक्षक अमित कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने दिनांक 11 अप्रैल 2025 को आयुष्मान पुत्र राजेश कुमार, निवासी शिव दुर्गा विहार, लकड़पुर, फरीदाबाद को गिरफ्तार किया। आरोपी आयुष्मान इंडसइंड बैंक में कार्यरत था।
बैंक खाता खोलने के बदले पैसे लेता था आरोपी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ने एक फर्जी फर्म के नाम पर बैंक खाता खोला था, जिसमें शिकायतकर्ता से ठगे गए ₹1,21,200 ट्रांसफर किए गए थे। आरोपी को हर फर्जी खाता खोलने के बदले ₹20,000 मिलते थे, और वह पैसों के लालच में ठगों की मदद करता था।
इस मामले में एक अन्य आरोपी बैंक कर्मचारी, हरिंद्र भाटी, को पहले ही 25 नवंबर 2024 को गिरफ्तार किया जा चुका है।
जांच जारी, और भी गिरफ्तारियां संभव
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच गहनता से की जा रही है और आगामी कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। यह मामला न केवल आम नागरिकों के आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बैंकिंग सेक्टर में भी कुछ असामाजिक तत्वों की घुसपैठ हो रही है।