
13 अप्रैल का पंचांग।
🌙 चंद्रमा की स्थिति
📆 दिनांक: 13 अप्रैल 2025 | 🕉 श्री गणेशाय नमः
📍स्थान: भारतवर्ष (विशेषकर उत्तर भारत हेतु मान्य)
🌅 विक्रम संवत: 2082
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संवत्सर नाम: सिद्धार्थी
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संवत्सर के राजा व मंत्री: सूर्य
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सूर्यायन: उत्तरायण
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ऋतु: वसंत
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दिन: रविवार
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तिथि: वैशाख मास, कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा
🕰️ सूर्योदय: 6:02 AM
🕰️ सूर्यास्त: 6:42 PM
🌙 चंद्रमा की स्थिति:
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प्रातः 7:38 तक कन्या राशि, उसके बाद तुला राशि
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नक्षत्र:
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चित्रा (रात्रि 9:11 बजे तक)
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फिर स्वाति नक्षत्र (रात्रि 9:11 के बाद)
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नक्षत्र स्वामी: मंगल / राहु
🌀 चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश समय:
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7:39 AM: चित्रा चरण 1
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2:25 PM: चित्रा चरण 2
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9:11 PM: स्वाति चरण 1
🪐 ग्रहों की स्थिति (13 अप्रैल 2025):
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☀️ सूर्य: रेवती नक्षत्र (मीन), रात्रि 3:21 से मेष राशि (अश्विनी नक्षत्र)
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🔥 मंगल: कर्क राशि, पुष्य नक्षत्र
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🧠 बुद्ध: मीन राशि, उत्तर भाद्रपद नक्षत्र
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📚 गुरु (बृहस्पति): वृष, मृगशिरा नक्षत्र
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💕 शुक्र (वक्री से मार्गी): मीन, उत्तर भाद्रपद (प्रातः 6:04 से मार्गी)
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🪐 शनि: मीन, पूर्व भाद्रपद
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🎭 राहु: मीन, पूर्व भाद्रपद
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🌀 केतु: कन्या, उत्तरा फाल्गुनी
🔮 आज के विशेष योग:
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🌟 हर्षण योग (रात्रि 9:39 तक):
शुभ, बुद्धिमत्ता और विद्या का कारक -
💫 वज्र योग (रात्रि 9:39 के बाद):
भाग्यशाली, चिंतामुक्त, हर्षदायक
📍 दिशा व उपयुक्त यात्रा मार्गदर्शन:
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🧭 शुभ दिशा: पूर्व, उत्तर, दक्षिण-पूर्व
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⚠️ दिशा शूल: पश्चिम (यात्रा से बचें, आवश्यकता पर दही या दलिया खाकर जाएं)
🕑 राहुकाल:
❌ सायं 5:00 बजे से 6:30 बजे तक – इस समय कोई नया या शुभ कार्य न करें।
🕰️ दैनिक लग्न सारणी:
समय | लग्न |
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6:03 तक | मीन |
7:39 तक | मेष |
9:34 तक | वृष |
11:48 तक | मिथुन |
2:08 PM तक | कर्क |
4:26 PM तक | सिंह |
6:42 PM तक | कन्या |
9:01 PM तक | तुला |
11:20 PM तक | वृश्चिक |
1:24 AM तक | धनु |
🌾 पर्व विशेष: बैसाखी
बैसाखी का पर्व सिख समुदाय में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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इसी दिन गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
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यह दिन नई फसल के स्वागत और प्रकृति के आभार का प्रतीक है।
🛐 धार्मिक संदेश (गुरुवाणी से प्रेरणा):
“धरम दी किरत करनी — गुरु गोबिंद सिंह जी ने कहा कि हमें अपनी कमाई को ईमानदारी से कमाना चाहिए।”
“किसी दी निंदा, चुगली अते इर्खा नहीं करनी चाहिए।”
🙏 सभी को बैसाखी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ईश्वर सभी को स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि प्रदान करें।
जय श्री कृष्ण, हर हर महादेव।