🌿 संत का संदेश: उंगली उठाने से बेहतर है किसी की उंगली पकड़ना
नई दिल्ली / 14 अप्रैल 2025:
एक आध्यात्मिक सत्संग में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए एक संत ने समाज को एक अत्यंत गूढ़ और प्रेरणात्मक संदेश दिया। उन्होंने कहा –
“बहुत आसान होता है किसी पर उंगली उठाना,
लेकिन बहुत मुश्किल होता है किसी को उठाने के लिए उसकी उंगली पकड़ना।”
यह कथन केवल शब्द नहीं, बल्कि जीवन जीने का दृष्टिकोण है। उन्होंने बताया कि आज के समय में लोग दूसरों की गलतियों को उजागर करने में बहुत तेज हो गए हैं, पर किसी को उसकी कठिन घड़ी में सहारा देना, उसका हाथ थामना बहुत दुर्लभ हो गया है।
✨ संदेश की गहराई
संत ने स्पष्ट किया कि किसी की आलोचना करना आसान होता है —
🔸 किसी की ग़लती को सबके सामने लाना,
🔸 दोष दिखाना,
🔸 कमज़ोरियों को उजागर करना — ये सभी काम आजकल आम हो गए हैं।
लेकिन जीवन की असली मानवता तब है जब हम:
✅ किसी की मुश्किल घड़ी में उसकी उंगली पकड़कर उसे उठाएं,
✅ उसे संबल दें,
✅ उसे आगे बढ़ने का रास्ता दिखाएं।
🕊️ समाज में बदलाव की आवश्यकता
उन्होंने यह भी कहा कि समाज को आलोचना से ज्यादा करुणा, सहानुभूति और सहयोग की आवश्यकता है।
यदि हर इंसान यह ठान ले कि वह किसी को गिराने की बजाय उठाने में मदद करेगा, तो समाज में झगड़े, ईर्ष्या और दुख का स्थान नहीं रहेगा।
🔖 श्रोताओं की प्रतिक्रिया
प्रवचन के बाद उपस्थित श्रद्धालुओं की आंखें नम थीं और हृदय गदगद। कई लोगों ने इसे अपने जीवन में लागू करने का संकल्प लिया।
संत के इस छोटे-से वाक्य ने सैकड़ों दिलों को छू लिया।
🧘 अंत में संत का संदेश:
“दूसरों को नीचा दिखाकर कोई बड़ा नहीं बनता,
लेकिन किसी को उठाकर, उसका सहारा बनकर — आप खुद ऊंचे उठ जाते हैं।”