
अखिलेश यादव ,कांग्रेस , ममता बनर्जी नेअत्याचारों पर चुप्पी साध रखी है।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश (13 अप्रैल 2025): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में हिंदू दलितों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर गंभीर बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव, साथ ही कांग्रेस के नेताओं, ने बांग्लादेश में हो रहे इन अत्याचारों पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह नेता भारत में हिंसा फैलाने का काम क्यों कर रहे हैं, जबकि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर अत्याचार हो रहे हैं।
बंगाल में दंगे हो रहे हैं, हिंदुओं को परेशान किया जा रहा है
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “बांग्लादेश हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार करना बंद करे। वहां की सरकार को हिंदुओं की मदद करनी चाहिए। हिंदू बांग्लादेश में परेशान हैं और ममता बनर्जी की सरकार उनकी परेशानियों पर चुप है। बंगाल में दंगे हो रहे हैं, हिंदुओं को परेशान किया जा रहा है, लेकिन ममता दीदी आंख बंद किए बैठी हैं।”
उन्होंने कांग्रेस और सपा पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस और सपा क्यों चुप हैं? इन पार्टियों के नेताओं को दंगे करवाना पसंद है। इन पार्टियों के कार्यकर्ता दंगाई हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं चलने दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। “उत्तर प्रदेश में दंगा फैलाने वालों का इलाज कर दिया जाएगा। जो भी हिंसा फैलाएगा, उसे उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने यह साफ कर दिया है कि जो सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा, उसकी कीमत उसी से वसूली जाएगी,” योगी आदित्यनाथ ने कहा।
राज्य में कानून से कोई समझौता नहीं किया जाएगा
योगी जी ने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश में हिंदू दलितों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ केवल डबल इंजन सरकार ने आवाज उठाई है। “न कांग्रेस, न सपा, और न ही ममता बनर्जी ने कभी बांग्लादेश में हिंदुओं के पक्ष में आवाज उठाई। केवल हमारी सरकार ने हर हिंदू की रक्षा के लिए इस मुद्दे पर कदम उठाया है,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर से यह दोहराया कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था हर किसी के लिए समान होगी, और हिंसा फैलाने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के नागरिकों से अपील की कि वे समझें कि राज्य में कानून से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, और जो हिंसा करेगा उसे उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा।