
बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती पर श्रद्धांजलि
नई दिल्ली 14 अप्रैल। 2025 | स्थान: भारतवर्ष
आज पूरे राष्ट्र में भारत रत्न डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। बाबा साहब न केवल भारतीय संविधान के शिल्पकार थे, बल्कि एक महान समाज सुधारक, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री और मानव अधिकारों के सजग प्रहरी भी थे।
👉 “डॉ. साहब को शत् शत् नमन, जिन्होंने समाज को नई दृष्टि और दिशा दी।”
उनकी जयंती के अवसर पर देशभर में समारोह, विचार गोष्ठियाँ और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है, जिनमें बाबा साहब के विचारों और उनके संघर्षों को जनमानस तक पहुँचाया जा रहा है।
✨ एक विचार जो युगों तक प्रेरणा देगा…
बाबा साहब ने जीवन भर समानता, न्याय, और बन्धुता के लिए संघर्ष किया। उन्होंने समाज को जाति, भेदभाव और असमानता के अंधकार से निकालकर लोकतांत्रिक मूल्यों की रोशनी दिखाई। उन्होंने शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार माना और कहा –
“शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो।”
🛕 राष्ट्र निर्माण में अमूल्य योगदान
डॉ. आम्बेडकर का योगदान केवल संविधान निर्माण तक सीमित नहीं रहा।
उन्होंने:
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समाज के वंचित वर्गों को संवैधानिक अधिकार दिलवाए,
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महिलाओं को समान अधिकार दिलाने की पैरवी की,
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सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध आजीवन संघर्ष किया।
🇮🇳 आज के भारत में बाबा साहब की प्रासंगिकता
आज जब भारत सशक्तिकरण, समावेशी विकास और न्याय आधारित समाज की ओर अग्रसर है, बाबा साहब के विचार और उनके जीवन संघर्ष हमें सही मार्ग दिखाते हैं।
उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके युग में थे। वो सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं, जो पीढ़ियों को संवेदनशीलता, बुद्धि और समानता की राह दिखाते रहेंगे।
🌺 श्रद्धांजलि संदेश:
“राष्ट्र के सशक्तिकरण के हर प्रयास में बाबा साहब की भूमिका अनमोल रही है। उनके विचार और दर्शन आज भी हमें प्रेरणा देते हैं, और आगे भी देश की आत्मा में जीवंत रहेंगे।”
जय भीम | जय भारत