
दुबई/नई दिल्ली, 14 अप्रैल 2025:
दुबई में आयोजित द्विदिवसीय विश्व शांति शिखर सम्मेलन में विश्व भर की आध्यात्मिक, धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने भाग लिया और वैश्विक स्तर पर शांति, न्याय और सद्भाव की दिशा में सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।
इस ऐतिहासिक सम्मेलन का आयोजन अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
🕊️ सम्मेलन में भाग लेने वाली प्रमुख हस्तियाँ:
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आचार्य लोकेश – संस्थापक, अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र
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स्वामी रामदेव – संस्थापक, पतंजलि योगपीठ
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श्री श्री रवि शंकर – संस्थापक, आर्ट ऑफ लिविंग
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शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान – सहिष्णुता मंत्री, यूएई
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डॉ. अली रशीद अल नुएमी – यूएई संसद सदस्य एवं रक्षा मामलों की समिति अध्यक्ष
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डॉ. हुज़ैफ़ा खोराकीवाला – सम्मेलन के आयोजक
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जनरल बिक्रम सिंह – पूर्व सेनाध्यक्ष, भारत
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महामहिम जोस मैनुअल रामोस होर्ता – नोबेल शांति पुरस्कार विजेता एवं पूर्व राष्ट्रपति, पूर्वी तिमोर
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महामहिम अमीना गुरीब-फकीम – पूर्व राष्ट्रपति, मॉरीशस
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महामहिम जोसेफ बोकाई – राष्ट्रपति, लाइबेरिया
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महामहिम मोहम्मद अब्द-सलाम – महासचिव, मुस्लिम काउंसिल ऑफ एल्डर्स, मिस्र
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ब्रह्मविहारी स्वामी, इमाम मोहम्मद ताहिदी, फादर डॉ. रोबि कन्नानचिरा, नादिर गोदरेज, डॉ. राहुल विश्वनाथ कराड सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति
🌐 प्रमुख वक्तव्यों की झलक:
🧘♂️ आचार्य लोकेश जी
“धर्म जोड़ने का कार्य करता है, तोड़ने का नहीं। धर्म और आध्यात्मिकता का मार्ग हिंसा और घृणा से रहित होना चाहिए। वैश्विक शांति के लिए युद्धविराम और अहिंसात्मक विचारधारा अनिवार्य हैं।”
🙏 स्वामी रामदेव जी
“आस्था और धर्म मानवता को जोड़ते हैं। ये नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देते हैं और सामाजिक सद्भाव की नींव रखते हैं। प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह इन मूल्यों को अपने जीवन में उतारे।”
🕊️ श्री श्री रवि शंकर जी
“धर्म सहिष्णुता, प्रेम और समभाव की प्रेरणा देता है। यह एक ऐसा माध्यम है जो समाज को एकजुट कर सकता है और शांति की स्थापना में सहायक बनता है।”
🤝 शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान (यूएई मंत्री)
“न्याय और प्रेम के ज़रिये ही समाज में संतुलन और शांति संभव है। सहिष्णुता हमारे सामाजिक ढांचे का मूल आधार होना चाहिए।”
🌍 डॉ. अली रशीद अल नुएमी (यूएई सांसद)
“अंतरधार्मिक संवाद आज के युग की आवश्यकता है। इससे हम विविध समुदायों के बीच संवाद, समझ और सहयोग को बढ़ावा दे सकते हैं।”
🌱 सम्मेलन के उद्देश्य:
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य था—
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वैश्विक स्तर पर शांति, न्याय और सहयोग की भावना को बढ़ावा देना
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धर्मों और समुदायों के बीच संवाद और साझेदारी को मजबूत करना
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नैतिकता, सहिष्णुता और अहिंसा जैसे मूल्यों को पुनर्स्थापित करना
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युवाओं और वैश्विक नेताओं को एक मंच पर लाना जहाँ वे शांति स्थापना पर सक्रिय भूमिका निभा सकें
🏅 सम्मान और पुरस्कार:
सम्मेलन के दौरान विश्व शांति पुरस्कार भी प्रदान किए गए, जिनमें जनरल बिक्रम सिंह और अन्य विश्वस्तरीय हस्तियां सम्मानित हुईं।
✨ आयोजक की बात:
डॉ. हुज़ैफ़ा खोराकीवाला, सम्मेलन के आयोजक ने बताया,
“यह सम्मेलन सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं था, बल्कि वैश्विक निर्णय लेने वालों के बीच सहयोग की ठोस रूपरेखा तैयार करने का प्रयास भी था।”