
यादव जनता की उम्मीदों का सौदा करते हैं
📍 लखनऊ, 15 अप्रैल:
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में अभी समय है, लेकिन सियासी सरगर्मी अभी से तेज हो गई है। तमाम राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरण साधने में जुट गए हैं। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी अब ज़ोर पकड़ने लगा है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने समाजवादी पार्टी (SP) और उसके प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखे आरोप लगाए हैं। भाजपा के प्रवक्ताओं का कहना है कि “अखिलेश यादव जनता की उम्मीदों का सौदा करते हैं और फिर अपने वोट बैंक की राजनीति चमकाते हैं।”
🔴 ‘जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति’ का आरोप
भाजपा का दावा है कि अखिलेश यादव की राजनीति केवल जातिवाद और तुष्टिकरण पर आधारित रही है। पार्टी प्रवक्ताओं का यह भी कहना है कि उनके शासनकाल में प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई थी, जहां बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं थीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कई बार अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनके राज में “कानून नाम की कोई चीज़ नहीं थी”, और अब वे उसी भाजपा सरकार पर सवाल उठा रहे हैं जिसने प्रदेश में “कानून व्यवस्था को मजबूत किया और अपराधियों को यमराज के पास भेजा।”
🔵 कांग्रेस पर भी हमलावर भाजपा
भाजपा ने कांग्रेस पर भी तीखा हमला बोला है। प्रवक्ताओं का कहना है कि “कांग्रेस कभी किसी की सगी नहीं हुई। वह भी जातिवादी राजनीति और दंगों को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है।”
🗳️ 2027 के लिए BJP ने कसी कमर
हालांकि विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा हरियाणा मॉडल की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में तीसरी बार भी सत्ता में वापसी की रणनीति बना रही है।
राजनीतिक बिसात पर अभी मोहरे चले नहीं हैं, लेकिन चालें बिछाई जाने लगी हैं। यूपी की सियासत में अब हर दिन बयानबाज़ी तेज़ होगी और जनता को तय करना होगा कि असली सौदागर कौन है — उम्मीदों का या विकास का।