
राहुल गांधी और अखिलेश यादव पर सवाल
📍 लखनऊ, 15 अप्रैल:
देश में वोट बैंक की राजनीति किस हद तक जा सकती है, इसका ताज़ा उदाहरण पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहा है। वहां हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों और दंगों को लेकर विपक्षी दलों की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं। खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की चुप्पी पर कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने नाराज़गी जताई है।
बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कार्यकाल में बार-बार हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं, और अब वक्फ बोर्ड से जुड़ी सांप्रदायिक अशांति की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। आरोप है कि सरकार की कथित ‘तुष्टिकरण’ की नीति के चलते हिंदू समुदाय के धार्मिक अधिकारों और सुरक्षा पर लगातार हमले हो रहे हैं।
🔴 ममता बनर्जी की ‘मौन सहमति’?
भाजपा का कहना है कि इन घटनाओं के पीछे ममता बनर्जी की नीतियां हैं। भाजपा प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया है कि “ममता बनर्जी की सरकार जानबूझकर दंगों को नजरअंदाज कर रही है,” और इसी का फायदा वोट बैंक के रूप में लिया जा रहा है।
🛑 विपक्ष की चुप्पी पर उठे सवाल
कई भाजपा नेताओं ने सवाल उठाया है कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव, जो अक्सर उत्तर प्रदेश की जातिगत राजनीति पर बोलते हैं, बंगाल में हो रही सांप्रदायिक हिंसा पर चुप क्यों हैं? क्या यह राजनीतिक गठजोड़ की वजह से है या फिर वोट बैंक की राजनीति के चलते?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में कहा,
“ये नेता सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। बंगाल में जहां खून की राजनीति हो रही है, वहां राहुल गांधी, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी एक साथ खड़े हैं।”
⚖️ यूपी में सख्त कानून व्यवस्था का दावा
योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश में चाहे कितनी भी राजनीतिक चालें चली जाएं, कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा,
“उत्तर प्रदेश में दंगे और तुष्टिकरण की राजनीति की कोई जगह नहीं है। यदि कोई ऐसा करने की कोशिश करता है, तो उसे सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।”
क्या राजनीति वोट से ऊपर उठकर कभी जनसुरक्षा और इंसाफ के मुद्दों पर एकजुट हो पाएगी?
बंगाल की स्थिति और उस पर विपक्ष की चुप्पी एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या राजनीति वोट से ऊपर उठकर कभी जनसुरक्षा और इंसाफ के मुद्दों पर एकजुट हो पाएगी? क्या वाकई भारत में राजनीति जनता की है — या सिर्फ चुनाव की?