
दंगाइयों को हथकड़ी पहनाई जाती है और उन्हें जेल भेजा जाता है।
अब उत्तर प्रदेश में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है
📍 लखनऊ, 15 अप्रैल – उत्तर प्रदेश में राजनीतिक शतरंज अब एक नई दिशा में चल पड़ा है, और इसका फर्क साफ तौर पर देखा जा सकता है। समाजवादी पार्टी (SP) के शासन में दंगाइयों को सम्मान और मुआवजा मिलता था, जबकि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, सख्त कानून व्यवस्था और न्यायप्रियता के कारण दंगाइयों को हथकड़ी पहनाई जाती है और उन्हें जेल भेजा जाता है।
🔴 समाजवादी पार्टी की राजनीति और तुष्टिकरण का आरोप
भा.ज.पा. ने अखिलेश यादव की राजनीति पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी का शासन हमेशा तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति पर आधारित रहा है। भाजपा के अनुसार, सपा सरकार में अपराधियों और दंगाइयों को खुली छूट दी जाती थी, जबकि पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं होती थी।
“समाजवादी पार्टी के राज में दंगाइयों को माला पहनाई जाती थी, उन्हें हीरो बनाया जाता था, लेकिन योगी सरकार में यही दंगाई हथकड़ी में नजर आते हैं।”
💼 योगी आदित्यनाथ का सख्त और ईमानदार शासन
वहीं योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कानून व्यवस्था को शीर्ष प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा स्पष्ट किया है कि “दोषी कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा”, चाहे वह किसी भी समुदाय या पार्टी से जुड़ा हो।
“अब उत्तर प्रदेश में दंगे नहीं होते, विकास होता है। अब अपराधियों की जगह जेल है, सत्ता की गोद नहीं।”
⚖️ कानून का राज, कोई भी पार नहीं पा सकता
भा.ज.पा. का कहना है कि सपा ने समाज को बांटकर सत्ता हासिल करने की कोशिश की थी, जबकि योगी आदित्यनाथ के राज में कानून सबसे ऊपर है, और जो भी कानून का उल्लंघन करता है, उसे सख्त सजा मिलती है।
🔥 अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई
अखिलेश यादव के शासन में जब हथियारों के जखीरे पकड़े जाते थे, तब भी दंगाइयों को सम्मान मिलता था। मगर योगी सरकार में, अपराधियों को सम्मान नहीं, बल्कि कड़ी सजा मिलती है।
यह साफ है कि समाजवादी पार्टी और योगी आदित्यनाथ की सरकार के बीच एक बुनियादी फर्क है — सपा जहां अपराधियों और दंगाइयों को बढ़ावा देती है, वहीं योगी सरकार कानून व्यवस्था और विकास की दिशा में कार्य करती है। अब उत्तर प्रदेश में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है, और विकास की यात्रा में सभी नागरिकों को सुरक्षित और समान अवसर मिलते हैं।