
📅 दिनांक: 20 अप्रैल 2025, रविवार
🪔 विक्रम संवत: 2082
संवत्सर नाम: सिद्धार्थी
संवत्सर के राजा व मंत्री: सूर्य
🌞 सूर्य उत्तरायण | ऋतु: ग्रीष्म
🌄 सूर्य एवं चंद्र स्थिति
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सूर्योदय: प्रातः 5:53
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सूर्यास्त: सायं 6:47
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चंद्रमा: सायं 6:04 तक धनु राशि में, फिर मकर राशि में
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राशि स्वामी: गुरु / शनि
🌙 तिथि व नक्षत्र
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तिथि: कृष्ण पक्ष सप्तमी
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नक्षत्र:
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पूर्वाषाढा — प्रातः 11:49 तक
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उत्तराषाढा — शेष दिन
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नक्षत्र स्वामी: शुक्र / सूर्य
🌀 योग:
सिद्ध योग
सिद्धि योग में जन्म लेने वाले जातक धन-वैभव, कौशल और सफलता के धनी होते हैं। यह योग दृढ़ निश्चयी एवं लक्ष्य में सफलता दिलाने वाला माना जाता है।
🌟 विशेष घटनाएँ व पर्व
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अगस्त्य तारा अस्त
धार्मिक मान्यता अनुसार अगस्त्य मुनि का संबंध समुद्र को शांत करने से जुड़ा है। इस तारे के अस्त होने को वर्षा ऋतु की शुरुआत का संकेत माना जाता है।
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भद्रा काल: प्रातः 6:42 तक
🧭 शुभ दिशा व दिशा शूल
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आज की शुभ दिशा: पूर्व, उत्तर, दक्षिण-पूर्व
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दिशा शूल: पश्चिम (प्रस्थान से पूर्व दलिया व घी सेवन करें)
🕰️ राहु काल:
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प्रातः 9:00 से 10:30 तक
इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य वर्जित है।
🧘♂️ दैनिक लग्न सारणी
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मीन: प्रातः 5:35 तक
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मेष: 7:11 तक
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वृष: 9:07 तक
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मिथुन: 11:21 तक
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कर्क: 1:41 तक
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सिंह: 3:58 तक
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कन्या: 6:15 तक
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तुला: 8:33 तक
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वृश्चिक: 10:52 तक
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धनु: 12:56 तक
🌌 ग्रह स्थिति (राशि और नक्षत्र के साथ)
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सूर्य: मेष (अश्विनी नक्षत्र)
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चंद्रमा: धनु → मकर
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मंगल: कर्क (पुष्य नक्षत्र)
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बुद्ध: मीन (उत्तर भाद्रपद)
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गुरु: वृष (मृगशिरा)
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शुक्र: मीन (उत्तर भाद्रपद)
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शनि: मीन (पूर्व भाद्रपद)
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राहु: मीन (पूर्व भाद्रपद)
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केतु: कन्या (उत्तरा फाल्गुनी)
🙏 प्रार्थना
“आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥”
हे आदिदेव सूर्यदेव! आपको नमस्कार है, कृपया मुझ पर प्रसन्न हों। आप जीवन के प्रदाता हैं, आपके प्रकाश से ही संसार का अस्तित्व है।