
इतिहास भी देखिए”
नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2025।
बिहार की राजनीति में एक बार फिर कानून-व्यवस्था को लेकर बयानबाज़ी तेज हो गई है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने बिहार में हाल ही में हुई आपराधिक घटनाओं का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों पर सवाल खड़े किए हैं।
तेजस्वी यादव ने सोमवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा:
“न जाने कितनी हत्याओं की जानकारी दूं? यहाँ हर पल एक न एक वारदात हो ही जाती है। बिहार में विधि-व्यवस्था का जनाज़ा निकल चुका है। पुलिस शराबबंदी के नाम पर उगाही में व्यस्त है।”
उन्होंने राज्य में हुई हाल की घटनाओं की लिस्ट जारी करते हुए लिखा कि बिहार में “मोदी और नीतीश का जंगलराज” चल रहा है, जो आम जनता का जीना मुश्किल बना रहा है।
🔴 तेजस्वी यादव द्वारा साझा की गई घटनाएं:
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बेगूसराय: दो युवकों की हत्या
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सुपौल: एक व्यक्ति की हत्या
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नालंदा: सुखदेव ठाकुर की गोली मारकर हत्या
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मुंगेर: 16 वर्षीय युवक को गोली मारी गई
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पटना: जेडीयू नेत्री सोनी निषाद को गोली मारी
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नालंदा: दो महिलाओं की हत्या
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पटना: बस ड्राइवर की गोली मारकर हत्या
तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की नाकामी छिपाने के लिए एनडीए सरकार के “नाकारा उपमुख्यमंत्री” अपराधियों की जाति खोजने में लगे हैं, न कि अपराध रोकने में।
🟡 सरकार समर्थकों का पलटवार: “असल जंगलराज तो RJD के समय था”
तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद सरकार समर्थकों ने पलटवार करते हुए लालू यादव के 15 साल के शासनकाल की याद दिलाई। एक एंकर ने सोशल मीडिया पर कहा:
“जंगलराज शब्द सुनते ही दिमाग में लालू यादव के शासन की याद आती है। तेजस्वी अगर आज जंगलराज बोल रहे हैं, तो क्यों न इतिहास को भी खंगाला जाए?”
📊 लालू-राबड़ी शासन (1990-2005) के आंकड़े:
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2004:
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3948 हत्याएं
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411 जबरन अपहरण
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1390 बलात्कार
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2005:
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3471 हत्याएं
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251 अपहरण
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1147 बलात्कार
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203 नक्सली हमले
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न केवल हत्या, बलात्कार और अपहरण जैसे अपराधों में तेज़ी देखी गई थी, बल्कि नक्सलवाद और राजनीतिक संरक्षण के आरोपों ने बिहार की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल किया। उस दौर को अक्सर “जंगलराज” कहा गया — एक ऐसा समय जब अपराध एक ‘उद्योग’ बन गया था।
🟢 जनता का सवाल: आज का जंगलराज बनाम तब का जंगलराज?
एक ओर तेजस्वी यादव आज के शासन पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष उनकी पार्टी के पुराने रिकॉर्ड की ओर इशारा कर रहा है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने पूछा —
“क्या आज की घटनाएं वाकई उस दौर से भी ज्यादा गंभीर हैं? या ये राजनीतिक बयानबाज़ी भर है?”
बिहार की राजनीति में ‘जंगलराज’ शब्द अब सिर्फ एक राजनीतिक हमला नहीं, बल्कि एक तुलनात्मक विमर्श बन चुका है। तेजस्वी यादव के आरोपों के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता 2025 में किस “जंगलराज” को ज्यादा गंभीर मानती है — वर्तमान का, या अतीत का।