
विश्व पृथ्वी दिवस’ – ‘आवर पावर, आवर प्लेनेट’
पृथ्वी सभी जीवों के लिए जीवनदायिनी
गुरुग्राम, 22 अप्रैल 2025 ।
ऊर्जा समिति ने आज पर्यावरण की रक्षा हेतु हमारी धरती को समर्पित ‘विश्व पृथ्वी दिवस’ मनाया। इस वर्ष 2025 में 55वें पृथ्वी दिवस के थीम के अनुसार “हमारी शक्ति, हमारा ब्रह्मांड” (‘आवर पावर, आवर प्लेनेट’ – Our Power, Our Planet) का संकल्प किया गया।
ऊर्जा समिति के महासचिव संजय कुमार चुघ ने बताया कि इस वर्ष की थीम “‘आवर पावर, आवर प्लेनेट’ है। इस थीम को मनाने का मकसद लोगों, संगठनों और देशों की सरकार को क्षय होने वाले ऊर्जा स्त्रोतों को दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले स्त्रोतों में बदलना और एक टिकाऊ भविष्य की नींव रखने के लिए प्रेरित करना है।
इस थीम के माध्यम से यह लक्ष्य निर्धारित करना है कि 2030 तक दुनिया भर में उत्पादित अक्षय ऊर्जा की मात्रा को तीन गुना करना है। जिसमें भूतापीय, जलविद्युत, ज्वारीय, पवन और सौर ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों पर विशेष जोर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पृथ्वी हमारे जीवन का आधार है, यही एकमात्र ऐसा गृह है, जहां जीवन संभव है। इस पृथ्वी पर वायु, जल, अग्नि, मिट्टी, सूर्य का प्रकाश और अनुकूल तापमान समेत जीवन जीने के लिए सभी जरूरी प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। पृथ्वी केवल इंसानों के लिए नहीं, बल्कि सभी जीवों के लिए जीवनदायिनी है। हालांकि वक्त के साथ सभी जरूरी प्राकृतिक संसाधनों का दोहन इतना ज्यादा हो रहा है कि एक ऐसा वक्त भी आ सकता है जब सभी संसाधन खत्म हो सकते हैं। इन प्राकृतिक संसाधनों के बिना पृथ्वी पर जीवित रहना मुश्किल हो जाएगा। इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए प्रकृति प्रदत्त चीजों का संरक्षण करने की आवश्यकता है। हम सभी पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं। इसके बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर वर्ष 22 अप्रैल को ‘पृथ्वी दिवस’ मनाया जाता है।
प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा देना, पर्यावरण को सुरक्षित रखना, पर्यावरण संरक्षण में आने वाली चुनौतियों से लड़ना, लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के तरीके बताना, जनसंख्या वृद्धि पर नजर रखना, वनों की कटाई को रोकना, प्रदूषण कम करने की तरफ कदम बढ़ाना और पृथ्वी के हित में कार्य करने के लिए सभी को जागरूक करना ही इस दिन को मनाने का उद्देश्य है।
पृथ्वी दिवस मनाने का मकसद पर्यावरण संरक्षण की तरफ सभी का ध्यान खींचना और यह कोशिश करना है कि सभी पृथ्वी को खुशहाल बनाए रखने में योगदान दे। यह हर पीढ़ी की जिम्मेदारी बनती है कि वह आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और खुशहाल पृथ्वी बनाए रखे।
आप भी पृथ्वी दिवस मनाने में योगदान दे सकते हैं
ऊर्जा समिति महासचिव ने बताया कि पृथ्वी दिवस मनाने का मकसद पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) के महत्व को बढ़ावा देना, प्रदूषण कम करना और ऊर्जा समेत संसाधनों की खपत को रोकना है। ऐसे में व्यक्ति अपने स्तर पर भी इस दिन को मनाने में योगदान दे सकता है।
प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करें,
रिसाइकिल करने पर जोर दें,
जब बिजली की आवश्यक्ता न हो तो लाइट और पंखे बंद कर दें,
प्लास्टिक वेस्ट को रिसाइकिल करें,
कोशिश करें कि जो चीजें पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं उनका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए,
पेड़-पौधे लगाएं और पर्यावरण को हरा-भरा बनाए रखें,
प्रदूषण कम करें और नदी-नालों में गंदगी फेंकने के बजाय कूड़ेदान में ही फेंकें,
जिन चीजों की जरूरत न हो उन्हें न खरीदें, इस ओवर कंजंप्शन के कारण ही पृथ्वी पर वेस्ट पदार्थों (Waste Products) की मात्रा बढ़ती है।
पानी बचाने की कोशिश करें, जब जरूरत न हो तो पानी को न बहाएं।
पृथ्वी दिवस का इतिहास
पृथ्वी के संरक्षण से जुड़े इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1970 में हुई। सबसे पहले पर्यावरण एक्टिविस्ट अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने पर्यावरण की शिक्षा के तौर पर इस दिन की शुरुआत की। एक साल पहले 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव की वजह से त्रासदी हो गई। इस हादसे में कई लोग आहत हुए और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का फैसला लिया गया। इसके बाद नेल्सन के आह्वान पर 22 अप्रैल 1970 को लगभग दो करोड़ अमेरिकियों ने पृथ्वी दिवस पहली बार मनाया। इसके बाद हर वर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है, जो 1970 में आधुनिक पर्यावरण आंदोलन के जन्म की वर्षगांठ का प्रतीक है। भारत सहित लगभग 195 से ज्यादा देश पृथ्वी दिवस मनाते हैं।