
गुरुग्राम, 23 अप्रैल — हरियाणा की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कुमारी आरती सिंह राव के निर्देश पर गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल को एक महिला रोगी के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इस संबंध में गुरुग्राम की सिविल सर्जन एवं सह संयोजक, जिला पंजीकरण प्राधिकरण, डॉ. अलका सिंह द्वारा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक को यह नोटिस जारी किया गया।
अस्पताल में उपचार के दौरान सीईए अधिनियम, 2010 के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।
जारी नोटिस में कहा गया है कि अस्पताल में उपचार के दौरान सीईए अधिनियम, 2010 के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है। विशेष रूप से अधिनियम की खंड 6 और खंड 7 का हवाला देते हुए कहा गया कि महिला रोगियों के लिए उपचार के दौरान गोपनीयता, मानवीय गरिमा, और निजता सुनिश्चित की जानी चाहिए। साथ ही, यदि किसी पुरुष चिकित्सक द्वारा महिला रोगी की शारीरिक जांच की जाती है, तो एक महिला की उपस्थिति अनिवार्य होती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उक्त प्रकरण में अस्पताल प्रबंधन द्वारा इन दोनों नियमों की अवहेलना की गई है, जो रोगी अधिकारों के चार्टर का स्पष्ट उल्लंघन है।
नोटिस में अस्पताल को सीईए अधिनियम (2010) की धारा 40 के अंतर्गत पांच कार्य दिवसों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि समय पर संतोषजनक जवाब प्राप्त नहीं होता है तो आगे की विधिक कार्रवाई की जा सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए महिला रोगियों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने के संकेत दिए हैं।