
देशभर में आक्रोश
सुरक्षा एजेंसियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
पहलगाम, जम्मू-कश्मीर 23 अप्रैल 2025 |
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में अब तक 29 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। हमले के बाद से पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने भी सुरक्षा एजेंसियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
गृहमंत्री अमित शाह की चेतावनी
गंभीर होते हालात को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह स्वयं पहलगाम पहुंच गए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा:
“आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा। देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
देशभर में आक्रोश और विरोध
हमले के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई है। कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने हवन और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।
श्रीनगर, विशेष रूप से लाल चौक, पूरी तरह बंद है — स्कूल, कॉलेज, दुकानें, निजी संस्थान सब कुछ बंद कर दिया गया है।
पाकिस्तान पर संदेह
इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ होने का शक जताया जा रहा है। केंद्र सरकार पहले भी कह चुकी है कि:
“चाहे पाकिस्तान कितना भी इंकार करे, लेकिन आतंकी वहां पनपते हैं।”
जांच जारी
फिलहाल सुरक्षा बल इलाके में गहन सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं और हमले की पूरी जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
पूरा देश एकजुट
इस कायराना हमले के बाद देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है। वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है, और नागरिकों से शांति और एकता बनाए रखने की अपील की गई है।
बईसरान के पर्यटन स्थल पर आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 29 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हुए। यह हमला दोपहर 2:50 बजे हुआ, जब चार से छह आतंकवादी जंगल से निकलकर पर्यटकों पर गोलियां बरसाने लगे। हमलावरों ने पहले पुलिसकर्मी के रूप में पहचान बनाई और फिर अचानक हमला कर दिया। घायलों में एक भारतीय नौसेना अधिकारी और एक खुफिया ब्यूरो अधिकारी भी शामिल हैं। मृतकों में अधिकांश भारतीय नागरिक हैं, जिनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लोग शामिल हैं। इसके अलावा, दो विदेशी पर्यटक भी मारे गए हैं।
आतंकवादी समूह: हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक धड़ा है। TRF ने इस हमले को जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों की बढ़ती संख्या के विरोध में किया है।
सरकारी प्रतिक्रिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अपनी सऊदी अरब यात्रा को संक्षिप्त किया और गृह मंत्री अमित शाह को श्रीनगर भेजा। अमित शाह ने घटनास्थल का दौरा किया और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मामले की जांच अपने हाथ में ली है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य वैश्विक नेताओं ने हमले की निंदा की और भारत के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की।
स्थानीय स्थिति: हमले के बाद, श्रीनगर और पहलगाम में कर्फ्यू जैसे हालात बन गए हैं। दुकानें, स्कूल और कॉलेज बंद हैं। लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।
आगे की कार्रवाई: सुरक्षा बलों ने हमलावरों की तलाश के लिए व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। हेलीकॉप्टरों की मदद से घायल पर्यटकों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई को और तेज करने का संकल्प लिया है।
यह हमला जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रही संघर्ष की गंभीरता को दर्शाता है। देशभर में इस कायरतापूर्ण हमले के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश है, और सभी नागरिक एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं।