
पूरी दुनिया के संतों ने अपनी एकजुटता व्यक्त की
नई दिल्ली, 23 अप्रैल 2025: अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश, महर्षि भृगु पीठाधिश्वर गोस्वामी सुशील महाराज, अखिल भारतीय इमाम संगठन के अध्यक्ष इमाम उमेर अहमद इलियासी, दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के मुख्य सलाहकार परमजीत सिंह चंडौक, बौद्ध धर्म से भंते सुमेधो, आचार्य शैलेंद्र तिवारी सहित विभिन्न धर्मों के संतों ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है। इस हमले में निर्दोष पर्यटकों की हत्या की गई, जिसके खिलाफ पूरी दुनिया के संतों ने अपनी एकजुटता व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाने की अपील की।
यह हमला केवल एक देश पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला है।
आचार्य लोकेश ने प्रेस वार्ता में कहा कि “भारत के कश्मीर में निर्दोष पर्यटकों पर हुए इस आतंकवादी हमले के खिलाफ पूरी दुनिया के संत एकजुट होकर खड़े हैं। यह हमला केवल एक देश पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला है। हम मृतकों के परिवारजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”
महर्षि गोस्वामी सुशील जी महाराज ने कहा, “कश्मीर सनातन संस्कृति की पहचान है, और वहां अनेक ऋषि-मुनियों ने साधना कर ज्ञान प्राप्त किया है। उस भूमि की रक्षा करना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। यह हमला हमारी सांस्कृतिक धरोहर पर हमला है।”
अखिल भारतीय इमाम संगठन के अध्यक्ष इमाम उमेर अहमद इलियासी ने कहा, “इस्लाम एक मानवतावादी धर्म है, जो प्रेम और सद्भावना का संदेश देता है। कोई सच्चा मुसलमान निर्दोष लोगों की हत्या नहीं कर सकता। ऐसे हमले किसी भी धर्म के अनुयायी के लिए स्वीकार्य नहीं हो सकते।
इस घटना के दोषियों को शीघ्र पकड़कर उन्हें कड़ी सजा दी जाए।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के मुख्य सलाहकार परमजीत सिंह चंडौक ने कहा, “भारत में अनेकता में एकता की परंपरा है, यहां हर धर्म और जाति के लोग अपने-अपने विश्वासों के साथ शांति और सौहार्द से रहते हैं। ऐसे हमले हमारी सभ्यता और संस्कृति के खिलाफ हैं।”
बौद्ध धर्म से भंते सुमेधो ने कहा, “हम सभी धर्मों के संत इस अमानवीय आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। हम चाहते हैं कि इस घटना के दोषियों को शीघ्र पकड़कर उन्हें कड़ी सजा दी जाए।
आचार्य शैलेंद्र तिवारी ने कहा, मनुष्य का जीवन सेवा और कल्याण के लिए है, न कि क्रूरता और संहार के लिए। इस प्रकार का हमला पूरी मानवता के लिए शर्मनाक है।
सभी धर्मों के संतों ने इस हमले को लेकर एकजुटता दिखाते हुए अपील की कि दुनिया भर के धर्माचार्य और समाज आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कार्य करें, ताकि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।