
दिल्ली उत्तर प्रदेश 24 अप्रैल2025।
उत्तर प्रदेश सरकार ने नागरिकों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) की शुरुआत की है। इस प्रणाली के माध्यम से नागरिक अपनी समस्याओं को सीधे सरकार तक पहुंचा सकते हैं, जिससे प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि हुई है।
प्रमुख विशेषताएँ:
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ऑनलाइन और ऑफलाइन शिकायत पंजीकरण: नागरिक IGRS पोर्टल, मोबाइल ऐप, कॉल सेंटर या नजदीकी कार्यालयों के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।
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समयबद्ध निस्तारण: प्रत्येक शिकायत का समाधान निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाता है, जिससे लंबित मामलों की संख्या में कमी आई है।
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प्रशासनिक निगरानी: मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा नियमित समीक्षा की जाती है, और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
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पारदर्शिता और जवाबदेही: शिकायतों की स्थिति की ऑनलाइन ट्रैकिंग की सुविधा उपलब्ध है, जिससे नागरिकों को उनके मामलों की प्रगति की जानकारी मिलती है।
हालिया घटनाएँ:
हाल ही में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने IGRS पोर्टल पर शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उदाहरण स्वरूप:
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कानपुर नगर में एक शिकायतकर्ता की फाइल गायब होने के आठ महीने बाद भी संबंधित अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया।
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सुलतानपुर में एक मामले में खंड विकास अधिकारी द्वारा शिकायत को बिना उचित जांच के बंद कर दिया गया, जिसके कारण उन्हें निलंबित किया गया।
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कुशीनगर और हरदोई में भी अधिकारियों की लापरवाही के कारण संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
IGRS प्रणाली ने उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह नागरिकों को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करता है और प्रशासनिक अधिकारियों को जवाबदेह बनाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व में, इस प्रणाली का प्रभावी कार्यान्वयन राज्य में सुशासन की ओर एक महत्वपूर्ण पहल है।